अभाविप की दो-दिवसीय 'अखिल भारतीय पदाधिकारी  बैठक' शिलांग में सम्पन्न हुई

अभाविप की दो-दिवसीय 'अखिल भारतीय पदाधिकारी  बैठक' शिलांग में सम्पन्न हुई

अभाविप ने 'अमृत महोत्सवी वर्ष' में 'पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा' आयोजित करने की घोषणा की।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की दो-दिवसीय राष्ट्रीय पदाधिकारी व केंद्रीय टीम की बैठक मेघालय की राजधानी शिलांग में संपन्न हुई। इस बैठक में दिल्ली में आयोजित होने जा रहे अभाविप के अमृत महोत्सवी राष्ट्रीय अधिवेशन के 'लोगो' को जारी किया गया तथा अधिवेशन को सफल व सार्थक बनाने पर मंथन हुआ। साथ ही रानी दुर्गावती जयंती,अकादमिक जगत से संबंधित विभिन्न मुद्दे, अभाविप के माध्यम से पर्यावरण,सेवा जैसे क्षेत्रों में युवाओं की सक्रियता को बढ़ाने आदि विषयों पर चर्चा हुई।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपनी शिलांग बैठक में आगामी नवंबर माह में 'पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा' का आयोजन करने की घोषणा की है। अभाविप के 'अमृत महोत्सवी वर्ष' के उपलक्ष्य में यह 'पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा' देश के विभिन्न क्षेत्रों के 75 छात्र-छात्राओं को पूर्वोत्तर के राज्यों का भ्रमण कराएगी, इस यात्रा का उद्देश्य है कि पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध संस्कृति तथा उदात्त जीवन मूल्यों से देश के विद्यार्थी परिचित हो सकें।

अभाविप की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूनम सिंह ने कहा कि," पूर्वोत्तर भारत के राज्य शिक्षा के प्रमुख केन्द्र के तौर पर विकसित हो रहे हैं, यह अत्यंत शुभ संकेत है। देश का शिक्षा क्षेत्र अनेक परिवर्तनों से गुजर रहा है, पूर्वोत्तर भारत के राज्य अनेक दृष्टियों से सकारात्मक परिवर्तन में प्रमुख भागीदारी कर रहे हैं। बीते महीनों में मणिपुर में जिस तरह की हिंसा की जघन्य घटनाएं हुईं हैं, वह अत्यंत चिंताजनक है। मणिपुर में स्थिति सामान्य बनाने के लिए शीघ्रता से प्रयास करने होंगे।"

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि," हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में जिस प्रकार अभाविप की बड़ी जीत हुई है,वह अभाविप के विचार के प्रति युवाओं के दृढ़ होते विश्वास का प्रतीक है। अभाविप का कार्य व सक्रियता पूर्वोत्तर के विद्यार्थियों के बीच लगातार बढ़ रहा है। अंतर-राज्य छात्र जीवन दर्शन (SEIL) जैसे रचनात्मक प्रयासों द्वारा अभाविप ने सम्पूर्ण भारत की संस्कृति को समझने में पूर्वोत्तर के छात्रों का मार्ग प्रशस्त किया और अनेक पूर्वोत्तर के विद्यार्थियों की दृष्टि का विस्तार हुआ। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की यह शिलांग बैठक संगठनात्मक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, इस बैठक में विभिन्न सामाजिक एवं अकादमिक विषयों पर गहनता से चर्चा हुई।"