बाराचवर की बेटी सिम्पी सिंह बिना कोचिंग की एयरफोर्स मे बनेगी लेफ्टिनेंट

बाराचवर की बेटी सिम्पी सिंह बिना कोचिंग की एयरफोर्स मे बनेगी लेफ्टिनेंट

गाजीपुर--प्रतिभा किसी की मोहताज नही होती है किसको कब बुलन्दी पर पहुचा देगी किसी को मालूम नही होता है।बस लगन की जरूरत होती है।कुछ ऐसा ही वाक्या जनपद के बाराचवर गांव निवासी पूर्व प्रधाध्यपक स्व०प्रभुनाथ सिंह के पुत्र महेन्द्र प्रताप सिंह की दूसरे न०की बेटी सिम्पी से ने कर दिखाया है।सिम्पी सिंह ने पहले ही प्रयास मे एनडीए149न०की फाइनल परीक्षा पास कर ली है तथा एयर फोर्श मे लेफ्टिनेंट बनेगी। गौरतलब हो कि सिम्पी सिंह योगेन्द्र सिंह चौहान बड़गैया इण्टर कालेज बरेजी से हाईस्कूल की परीक्षा सन 2019मे 82.33प्रतिशत अंको से पास की है तथा इण्टरमिडिडीएट की परीक्षा भी उसी विद्मालय से सन 2021मे81.40प्रतिशत अंको से पास की है।तथा फिलहाल टेक्निकल एजुकेशन एण्ड रिर्सच इस्टीट्यूट गाजीपुर मे बीसीए प्रथम वर्ष की छात्रा है।सिम्पी सिंह से पुछने पर उसने बताया की जबसे सेना मे यह हुआ कि अब बेटिया भी अधिकारी बनेगी तो उसी समय से मेरे मन मे विचार आया की मै भी सेना मे अधिकारी बनूगी तथा देश की सेवा करूगी।एनडीए का फार्म निकला फार्म भरी और उसकी परीक्षा की तैयारी गाजीपुर रहकर बीसीए की पढ़ाई के दौरान करने लगी।जब रिज्लट आया तो एनडीए की परीक्षा पास कर गयी।इन्टरव्यू के लिए बुलाया पत्र आया तथा 13अगस्त से 17अगस्त तक प्रयागराज मे मेरा इटरव्यू हुआ।इटरव्यू पास करने का परिणाम भी मेरे ईमेल पर आ गया।बेटी की इस उपलब्धि से घर गांव तथा ईलाके मे खुशी का माहौल है।लोग सिम्पी सिंह के घर जाकर बधाई दे रहे है।सिम्पी सिंह का आगे का लक्ष्य आईएएस बनना है।सिम्पी सिंह ने बताया की लक्ष्य बड़ा होना चाहिए इसके लिए धन कोई मायने नही रहता बर्शेते पढाई के प्रति लग्न होनी चाहिए।इस परीक्षा के लिए मैने कोई कोचिंग नही किया है।घर तथा जिलामुख्यालय पर रहकर पढा़ई की है।उसने युवा वर्ग को से अपील किया की हर युवा वर्ग को पढाई के दौरान पहले लक्ष्य निरधारित करना चाहिए तथा पुरे मनोयोगपूर्वक पढा़ई करना चाहिए लक्ष्य तो जरूर मिलेगा।बताते चले की महेन्द्र प्रताप सिंह की दो बेटी तथा एक बेटा है।बड़ी बेटी त्रिपती सिंह भी उसी इस्टीट्यूट से बीसीए द्बितीय वर्ष की छात्रा है।तथा छोटा भाई 11वीं का छात्र योगेन्द्र सिंह बड़गैया इण्टर कालेज बरेजी मे।महेन्द्र प्रताप सिंह घर पर ही रहकर खेती बारी करते है तथा उसकी मम्मी कुमकुम सिंह गृहणी है घर पर ही रहती है तथा घर पर ही रहकर अपने बच्चो की देखभाल करती है।