अहंकार के समूल नाश के लिए गुरु कृपा अति आवश्यकः सद्गुरूनाथ जी महाराज
महर्षि नगर में चल रहे श्री शिव महापुराण कथा का हुआ भव्य समापन
नोएडा: मीडिया प्रभारी ए के लाल ने बताया कि फाल्गुन मास के पावन माह में श्री शिव महापुराण कथा के समापन के अवसर पर भक्तों को कथा सुनाते हुए सद्गुरूनाथ जी महाराज ने कहा कि शरीर के स्वस्थ रहते मनुष्य को मोक्ष और ज्ञान की प्राप्ति के लिए प्रयास करना चाहिए। जिस उद्देश्य से मनुष्य का शरीर इस संसार में मिला है, उसे भूलकर मनुष्य माया के जाल में फिर से फंस जाता है। मानव लालच में आकर ज्ञान की प्राप्ति नहीं करता, जिससे मोक्ष की प्राप्ति बहुत पीछे छूट जाता है। हर व्यक्ति को किसी वस्तु, व्यक्ति, परिस्थिति और स्थान आदि से मोह होता है। यही मोह या लगाव ही दुखों और असफलताओं का कारण बनता है। इसलिए मोह का परित्याग कर आनंद और सफलता की ओर बढ़ें। उन्होंने कहा कि मनुष्य को राग, द्वेष, वैमनस्य, अपमान और हिंसा जैसी पाशविक प्रवृति को छोड़कर मनुष्य बनना चाहिए। जिसके भक्ति, ध्यान और साधना जरुरी है।
आगे भक्तों को कथा सुनते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि परमात्मा निरंकार है, उसका कोई आकार नहीं है। मनुष्य को धन संग्रह करने से पहले इसका ध्यान रखना चाहिए कि धन अर्जित करने के लिए हमेशा सही मार्ग अपनाएं और मेहनत से धन कमाएं। अर्जित धन को तीन भागों में बांटें। एक भाग उपभोग के लिए दूसरा भाग धर्म-कर्म के काम के लिए और तीसरा भाग भविष्य के लिए संचित करें।
महर्षि नगर के रामलीला मैदान में पिछले 29 फरवरी से 8 मार्च तक परम पूज्य आध्यात्मिक चिंतक सद्गुरूनाथ जी महाराज के सान्निध्य में किया भक्तिमय तरीके से संपन्न हुआ। विभिन्न संस्थाओं से जुड़े काफी लोगों ने गुरूदेव से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया। लोगों ने शिव महापुराण कथा के दौरान जितना भक्तिभाव का परिचय दिया वो काबिलेतारीफ है। पूरा कथा स्थल शिवमय नजर आया। श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन करवाने के लिए सद्गुरूनाथ जी महाराज ने आयोजकों की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि आप लोगों के अथक प्रयास से ही इतने भव्य तरीके से कथा संपन्न हो सका।
भक्तों ने भी श्री शिव महापुराण कथा के लिए आयोजन समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों को बहुत-बहुत साधुवाद देते हुए कहे कि सचमुच ऐसा लग रहा है कि हम लोगों के सामने श्री कैलाशपति भगवान श्री शिव शंकर जी विद्यमान हैं। आयोजकों के साथ भक्तों ने कहा कि गुरूदेव ने जिस अनोखी शैली से श्री शिव महापुराण कथा का गुणगान किया वो अन्यत्र देखने को नहीं मिलता। पूरी भक्ति, ज्ञान और आध्यात्म को गुरूदेव ने अपने श्रीमुख से सुनाया है जिससे भक्तों को काफी लाभ मिला।
श्री शिव महापुराण कथा के पावन अवसर पर श्री अजय प्रकाश श्रीवास्तव, अध्यक्ष, महर्षि महेश योगी संस्थान और कुलाधिपति, महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ इन्फार्मेशन टेक्नालोजी, श्री राहुल भारद्वाज, उपाध्यक्ष, महर्षि महेश योगी संस्थान और श्री शिव महापुराण कथा कार्यक्रम के संयोजक रामेन्द्र सचान और गिरीश अग्निहोत्री, प्रोफेसर रविन्द्र नाथ (परिचय दास), श्री शिव पुराणमहा कथा के मुख्य यजमान श्री एस. पी. गर्ग सहित हजारों भक्त उपस्थित थे।