इंडिया-कोरिया बिज़नस पार्टनरशिप फोरम ने किया साझा समृद्धि की शताब्दी के लिए रास्ता तैयार करने पर पहल
कोरिया और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की 51वीं वर्षगांठ मनाने के लिए इंडिया-कोरिया बिज़नस पार्टनरशिप फोरम नवंबर को नई दिल्ली, भारत के यशोभूमि में आयोजित किया गया। इस मंच में दोनों देशों के सरकारी अधिकारियों, व्यापारिक नेताओं और सांस्कृतिक व कलात्मक हस्तियों ने भाग लिया।
यह मंच हेराल्ड मीडिया ग्रुप (The Herald Business & The Korea Herald), कोरिया अंतरराष्ट्रीय व्यापार संघ (KITA) और भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा "आर्थिक सह-समृद्धि का मार्ग" विषय के तहत सह-आयोजित किया गया।
पिछले 51 वर्षों के कोरिया-भारत संबंधों पर विचार करते हुए और अगले 50 वर्षों की साझा समृद्धि के लिए एक नया मार्ग तलाशते हुए, इस कार्यक्रम में कूटनीति, अर्थव्यवस्था और संस्कृति जैसे द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया।
यह आयोजन दोनों देशों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि यह ऐसे समय में हुआ जब भारत की भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक महत्वता, अमेरिका-चीन तनाव के चलते, बढ़ रही है।
इस आयोजन में 600 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें 300 से अधिक भारतीय कंपनियों और संगठनों के प्रतिनिधि और लगभग 150 कोरियाई व्यापारिक नेता शामिल थे, जिससे यह इतिहासका सबसे बड़ा आयोजन बन गया।
मुख्य बिंदु
मंच की शुरुआत तीन सह-आयोजक संगठनों के नेताओं के उद्घाटन भाषणों से हुई।
हेराल्ड मीडिया ग्रुप के चेयरमैन जंग वोन-जू ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि भारत अगले पांच वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखता है। दोनों देशों के पास निर्माण, बुनियादी ढांचा, और वित्तीय निवेश सहित विभिन्न उद्योगों में व्यावहारिक सहयोग और व्यवसायिक साझेदारी के अनंत अवसर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह मंच दोनों देशों की कंपनियों और विशेषज्ञों को एकजुट होकर सहयोग और विकास के साझा लक्ष्य प्राप्त करने का अवसर देगा और नई सदी की ओर बढ़ने के लिए आधार तैयार करेगा। हेराल्ड मीडिया ग्रुप कोरिया और भारत के बीच मित्रता और सहयोग को बढ़ावा देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।"
कोरिया अंतरराष्ट्रीय व्यापार संघ (KITA) के कार्यकारी उपाध्यक्ष किम को-ह्यून ने अपने भाषण में कहा कि भारत एक प्रमुख वैश्विक विनिर्माण केंद्र में परिवर्तित हो रहा है। यदि कोरिया की नवीकरणीय ऊर्जा में तकनीकी दक्षता, भारत के विशाल बाजार और प्रतिभाशाली कार्यबल के साथ मिलती है, तो दोनों देशों को महत्वपूर्ण परिणाम मिल सकते हैं।" भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) कोरिया परिषद के चेयरमैन सिद्धांत कौल ने कहा कि भारत वैश्विक मूल्य श्रृंखला में एक केंद्रीय भूमिका निभा रहा है। यदि कोरिया और भारत अपनी ताकतों का आदान-प्रदान जारी रखते हैं, तो भविष्य में नए अवसर पैदा होंगे।"
विशेष संबोधन और सत्र
इसके अलावा, ग्योंगगी प्रांत के उप-राज्यपाल किम सेओंग-जुंग और कोरियाई दूतावास के उप मिशन प्रमुख सांग-वू लिम ने भी अपने विचार साझा किए।
कोरिया के उद्योग और व्यापार मंत्री आन दुके-ग्यून ने वीडियो संदेश के माध्यम से कहा कि कोरिया और भारत की सरकारें नियमित मंत्री-स्तरीय कोरिया-भारत उद्योग सहयोग समिति की स्थापना पर चर्चा कर रही हैं। हम कस्टम प्रक्रियाओं में सुधार, नियमों में ढील और स्थिर निवेश वातावरण तैयार करके निर्यातक कंपनियों का समर्थन करेंगे।
कोरिया के एसएमई और स्टार्टअप्स के उप मंत्री किम सुंग-सुप ने कहा कि कोरियाई SMEs अपनी नवोन्मेषी तकनीकों और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के लिए प्रसिद्ध हैं, जबकि भारतीय SMEs अपने रचनात्मक विचारों और उत्कृष्ट प्रतिभा के लिए। दोनों देशों के SMEs के बीच सहयोग न केवल आर्थिक समृद्धि लाएगा बल्कि वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता को भी बढ़ाएगा।
प्रमुख क्षेत्र और चर्चा
विनिर्माण, निर्माण और वित्तीय निवेश जैसे क्षेत्रों पर चर्चा के दौरान,
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चून संग-पिल ने भारत की भूमिका को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में रेखांकित किया।
डेवू इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन के COO हान सियोंग ने भारत के आवासीय बाजार में प्रवेश के लिए अपनी रणनीतियां साझा कीं।
मिराए एसेट इंडिया के श्रीनिवास खानोलकर ने स्थानीय आर्थिक वातावरण और निवेश अवसरों पर चर्चा की। इसके साथ ही, हेराल्ड मीडिया ग्रुप और FISME ने SMEs के लिए द्विपक्षीय सहयोग संगठन की स्थापना के लिए MoU पर हस्ताक्षर किए।
सांस्कृतिक योगदान
अभिनेत्री और मॉडल अनुष्का सेन और Asia Lab को उनके सांस्कृतिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
यह मंच सार्वजनिक रूप से उपस्थित और ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से जनता के लिए उपलब्ध था।