भारत के सबसे पुराने बोर्डिंग स्कूल ने भावी पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित दुनिया तैयार करने के साझा प्रयासों को मजबूती दी है

भारत के सबसे पुराने बोर्डिंग स्कूल ने भावी पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित दुनिया तैयार करने के साझा प्रयासों को मजबूती दी है

द लॉरेंस स्कूल, सनावर नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के मौके पर वैश्विक प्रयासों में शामिल हुआ


दिल्ली: भारत के सबसे प्रतिष्ठित और सबसे पुराने आवासीय स्कूलों में से एक, द लॉरेंस स्कूल, सनावर नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने के लिए वैश्विक अभियान से जुड़ गया है। हर साल 26 जून को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने वाले इस दिवस ने तत्काल कार्रवाई करने और नशीली दवाओं तथा इसकी अवैध तस्करी के खतरे से लड़ने की जरूरत को उजागर किया है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 दिसंबर 1987 के संकल्प 42/112 के तहत, 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में तय किया है। यह महत्वपूर्ण दिन, नशीली दवाओं के दुरुपयोग और उसके दुष्परिणामों से मुक्त एक समाज बनाने के उस वैश्चिक संकल्प की याद दिलाता है। पूरी दुनिया में लोग, समुदाय और संस्थान साथ मिलकर जागरूकता फैलाने और अवैध ड्रग्स द्वारा पेश की गई चुनौतियों को हल करने का प्रयास करने के लिए एकजुट होते हैं।

द लॉरेंस स्कूल, सनावर ने सकारात्मक बदलाव लाने के लिए शिक्षा में उत्कृष्टता हासिल की है और साझेदारियां की हैं। ग्लोबल सिटीजनशिप प्रोग्राम हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। महामारी के दौरान, हमारे स्टूडेंट्स ने शांति, न्याय, मजबूत संस्थान और वैश्चिक नागरिकता को लेकर यूएनओडीसी के साथ साझेदारी की है। महामारी के प्रभाव को दूर करने, लाइफ स्किल्स, खुशी और भावनात्मक सेहत पर फोकस करने के लिए परामर्श बेहद जरूरी नवाचार हो गया है। स्कूल में अध्ययनरत, एसडीजी, शांति और कानूनी नियमों को बढ़ावा देने वाली पहलों में सक्रिय रूप से शामिल हो रहे हैं। इससे एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के प्रति उनका समर्पण झलकता है। 

इस प्रतिबद्धता के मद्देनजर, लड़कियों समेत द लॉरेंस स्कूल, सनावर के लगभग 30 एनसीसी कैडेट ने 17 मई को एंटी-ड्रग कैम्पेन में हिस्सा लिया था। कैम्पेन में हिस्सा लेने वाले इन युवाओं ने शिक्षार्थियों की कम्युनिटी को जानकारीप्रद वीडियोज के जरिए नशीली दवाएं लेने के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सेहत पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों को लेकर जागरूक किया। शिक्षार्थियों का हमारा समुदाय समाज में, विशेष रूप से युवा पीढ़ी के बीच, नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी की उभरती समस्या के खिलाफ लड़ने के लिए हिमाचल प्रदेश पुलिस का समर्थन कर सम्मानित महसूस कर रहा है। इसके लिए हमारे राज्‍य के युवाओं के सहयोग में प्रभाव कैम्‍पेन की मदद ली गई है। उन्होंने युवाओं के बीच नशीली दवाओं के दुरुपयोग के दुष्प्रभाव के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी को दर्शाने वाले आकर्षक पोस्टर्स भी तैयार किए। 

हिम्मत सिंह ढिल्लन, हेडमास्टर, द लॉरेंस स्कूल, सनावर ने इस मौके पर अपनी राय रखते हुए कहा, “द लॉरेंस स्कूल, सनावर में हम ना केवल अकादमिक उत्कृष्टता को निखारने में, बल्कि चरित्र को बेहतर बनाने और स्टूडेंट्स में मूल्यों को शामिल करने पर भी विश्वास करते हैं। नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के मौके पर हम नशीली दवाओं से मुक्त एक माहौल बनाने की इस प्रतिबद्धता में एकजुट हैं, जहां हमारे विद्यार्थी खुद को निखार सकें और समाज में अपना बेहतर योगदान दे सकें। शिक्षा, जागरूकता और एकजुट प्रयासों के माध्यम से हमारा लक्ष्य अपने विद्यार्थियों को सशक्त बनाना है, ताकि वे समझदारी से विकल्प चुनें और एकजुटता, शांति तथा उज्जवल भविष्य के प्रतिनिधि बन सकें।

”द लॉरेंस स्कूल, सनावर ने किसी भी प्रकार के मादक पदार्थ के सेवन को लेकर जीरो-टोलरेंस का रवैया रखा है, जो सेहतमंद और नशीली दवाओं से मुक्त एक माहौल बनाने के महत्व पर जोर देता है। जागरूकता और नशीली दवाओं से संबंधित विषयों को लेकर जानकारी देने के उनके समर्पण के अंतर्गत, स्कूल का फ्लैगशिप प्रोग्राम, सनावर मॉडल यूनाइटेड नेशंस (एसएनएएमयूएन) ने यूनाइटेड ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (यूएनओडीसी) के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की है। इस ‘एजुकेशन एंड जस्टिस’ प्रोग्राम के माध्यम से एसएनएएमयूएन कॉन्‍फ्रेंस, यूएनओडीसी का संदेश देने का एक मंच बना है और एक सुरक्षित तथा ज्यादा समावेशी दुनिया के निर्माण में योगदान दे रहा है। 

इस यादगार मौके पर यूएनओडीसी में कम्युनिकेशंस एंड एडवोकेसी लीड, साउथ एशिया, समर्थ पाठक, ने जून में आयोजित सनावर राउंड स्क्वेयर कॉन्‍फ्रेंस 2023 के समापन कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई थी। विद्यार्थियों के दल को संबोधित करते हुए, पाठक ने यूएनओडीसी की सर्वश्रेष्ठ वैश्चिक तथा क्षेत्रीय पद्धतियों व विचारों को साझा किया था। उन्हें और भी ज्यादा सुरक्षित, समावेशी और केवल दुनिया को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया था। जाने-माने विशेषज्ञों और चेंजमेकर्स ने, सामाजिक तथा पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय पेश की, जिससे विद्यार्थियों के दल को महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों को समझने में मदद मिली।