सती प्रसंग एवं शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया

सती प्रसंग एवं शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया

नोएडा। सेक्टर 82 स्थित पॉकेट 7 में आयोजित श्रीराम कथा के दूसरे दिन कथा व्यास महामंडलेश्वर पंचमानन्द महाराज ने सती प्रसंग एवं शिव पार्वती विवाह आदि प्रसंगों का भावपूर्ण वर्णन किया। एक बार माता सती और भगवान शिव कैलाश पर बैठे हुए थे । माता सती ने देखा कि देवता और गंधर्व विमानों पर सवार होकर जा रहे थे। माता ने भगवान शिव से पूछा कि सभी कहां जा रहे हैं तब भगवान शिव ने कहा कि आपके पिता दक्ष यज्ञ करा रहे हैं। सती ने वहां जाने की जिद की लेकिन भगवान शिव ने कहा कि बिना बुलाए जाना उचित नहीं होगा। सती के हठ करने पर भगवान शिव आज्ञा दे देते हैं। पिता के यहां  पहुंचने पर दक्ष ने शिव का बहुत अपमान किया। यज्ञ में सभी देवताओं को यज्ञ भाग दिया जा रहा था लेकिन भगवान शिव का कोई स्थान नहीं था । माता को ग्लानि हुई और वह यज्ञ कुंड में कूद गई और जलने लगी। भगवान शिव के गण वीरभद्र ने यज्ञ को तहस नहस कर दक्ष का सिर काट लिया। भगवन शिव आए उन्होंने सती को अपने कंधे पर धारण कर लिया और शोकावस्था में चले गए। अगले जन्म में मां पार्वती रूप में जन्म लेती हैं जहां भगवान शिव से उनका विवाह होता है और देवता फूलों की वर्षा करते हैं।

इस अवसर पर आयोजन समिति के प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे ने बताया कि 9 अप्रैल को नारद मोह, राम जन्म आदि प्रसंगों का वर्णन किया जाएगा।

 इस अवसर पर रवि राघव , देवमणि शुक्ल, संजय पांडे, एन के सोलंकी, अजय श्रीवास्तव, अंगद तोमर, रमेश शर्मा, गुरुमेल सिंह, एस के तिवारी, राजेश गुप्ता, सियाराम, संजय शुक्ला, रमेश वर्मा, सियाराम, बृज किशोर, विष्णु शर्मा, हरि शंकर सिंह,हंस मणि शुक्ल,अमितेश सिंह सहित तमाम सेक्टरवासी भक्त मौजूद रहे।