पूँजी बाज़ार में ड्यूडिलिजेंस की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है

नोएडा।PNI News। पूँजी बाज़ारों में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने वाली पाँच तकनीकें पिछले कुछ दशकों में डिजिटल प्लैटफॉर्म्स पर समाज के हर तबके के लिए वस्तुओं और सेवाओं को उपलब्धऔर सुलभ बनाने के लिए विभिन्न टेक्‍नोलॉजी का उदय हुआ है। ठीक इसी तरह से वित्तीय समावेशन का अर्थ विभिन्न संगठनों द्वारा महज उच्च आय वाले व्यक्तियों/कॉर्पोरेट्स के लिए नहीं, बल्कि हर किसी के लिए वित्तीय सेवाओंकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयासों से है। ऐसे अवरोध और प्रतिबन्ध (जैसे किफण्ड या ज्ञान का अभाव) हो सकते हैं जो पूँजी बाज़ारों में लोगों की सहभागिता कोप्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, लोगों को पूँजी बाज़ारों में खुली पहुँच प्राप्त हो सके, इसे सुनिश्चित करने के लिए इसतरह के अवरोधों को समाप्त करने में वित्तीय समावेशन से मदद मिलती है। पूँजीबाज़ारों के सन्दर्भ में वित्तीय समावेशन को गति प्रदान करने में टेक्‍नोलॉजी की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता। एक रिपोर्टकेअनुसार वित्त वर्ष 21 में देश के व्यक्तिगत निवेशकों की कुल संख्या में लगभग 142 लाख तक की वृद्धि हुई। इनमें से अधिकाँश लोगों ने मोबाइल ऐप्लिकेशंस से बाजार को ऐक्सेस किया। हालाँकि, पाँच ऐसी टेक्‍नोलॉजीज हैं जो पूँजी बाज़ारों में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ा रही हैं और उनमें निम्नलिखित सम्मिलित हैं : छोटे उपकरणों, इन्टरनेट और ब्रोकरेज ऐप्स का क्रमिक विकास विगतकुछ वर्षों में, विशेषकर पिछले दशक के दौरान, मोबाइल टेक्नोलॉजी ने वित्तीय समावेशन की गति तेज की है। जैसा कि पहले कहा जा चुका है, शेयर बाज़ारों में निवेशकों का भारी तांता लगा हुआ है जिसका श्रेय मोबाइल ऐप्लिकेशंस को जाता है जो चलाने में सरल और प्रभावकारी हैं। निवेशकों को शेयर बाज़ार के परिचालनों में पारदर्शिता की कमी के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि हर चीज रियल-टाइम में होती है। इसके अलावा फास्‍ट इन्टरनेट और कार्य कुशल स्मार्टफ़ोन के उद्भव से यह हुआ है कि टेक्‍नोलॉजी हर किसी के लिएसुलभ हो गई है. इसलिए, पूँजी बाज़ार के बिचौलियों द्वारा अंतिम-उपभोक्ता तक पहुँचने के लिए किए गए किसी भी सुधार की प्रितिक्रिया होगी। ये ऐप्स अक्सर एकीकृत होते हैं, जिसके चलते कारोबारियों को स्टॉक्स (शेयर), डिबेंचर्स (ऋण पत्र) और डेरिवेटिव्स (व्युप्ताद) जैसे विविध प्रतिभूतियों में सौदा करने का अवसर मिलता है।  बायोमेट्रिकउपकरण पूँजी बाज़ार में ड्यूडिलिजेंस की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। सेबी, आरबीआई और शेयर बाज़ारों जैसे अनेक विनियामकों के कारण डिपाजिटरीपार्टिसिपेंट और ब्रोकरेज संगठनों के लिए यूजर्स के विवरण पर नजर रखना ज़रूरी होताहै। बायोमेट्रिक उपकरणों से डिजिटल साधनों के सहारे केवाईसी संपादित करने में मदद मिलती है और कागजी कारवाई काफी कम हो जाती है। भारत के सन्दर्भ में, यूआइडीएआइ के प्रयास से कागजातों के सत्यापन और सम्पूर्ण डीमैट की प्रोसेसिंग में लगने वाला समयकाफी कम हो गया है। इस प्रकार, ब्रोकरेज खाता कुछ ही मिनटों में कारोबार के लिए तैयार हो सकता है। डेटाएनालिटिक्स डेटा एनालिटिक्स आंकड़ोंका विश्लेषण करने और यांत्रिक प्रक्रियायों तथा अल्गोरिद्म्स का प्रयोग करके तरीकापता करने का विज्ञान है। इस तरह की विधियोंसे प्राप्त जानकारी से समग्र निर्णय-निर्धारण में सुधार होता है। पूँजी और वित्तीयबाज़ारों के सन्दर्भ में डेटा एनालिटिक्स से ग्राहकों को सेवा देने में सुधार होता है। इससे निवेश की शैलियों की नक़ल करने और भावी कारोबारों को आसान बनाने में मदद मिल सकती है। डेटा विश्लेषण और रिपोर्टिंग प्रक्रिया भी पहले की तुलना में अधिकत्वरित हो गई हैं। डेटा एनालिटिक्स ने पूर्वानुमेय शिक्षण को भी जन्म दिया है,जिससे ऐतिहासिक कारोबारों और बाजार संबंधी जानकारी पर आधारित निवेश की सलाहप्राप्त होती है। रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन आरपीए (रोबोटिक प्रोसेसऑटोमेशन) एक सॉफ्टवेयर टेक्‍नोलॉजी है जो बॉट्स के निर्माण में मदद करती है। ये बॉट्स मानवी कारवाईयों का विश्लेषण करते हैं और डिजिटल प्रणालियों तथा प्रोग्राम्‍सके साथ परस्पर क्रिया के माध्यम से उनका अनुकरण करते हैं। डेटा की पहचान औरनिष्कर्षण (आइडेंटिफिकेशन और एक्सट्रैक्शन) जैसे अनेक कार्य इस तरह के बॉट्स केसहारे किसी मानवीय त्रुटियों की संभावना के बिना अधिक तेजी से संपन्न किये जा सकते हैं। आरपीए किसी उपक्रम के विभिन्न कार्यात्मक क्षेत्रों में स्वचालन का समावेशकरने में मददगार है। चूँकि उबाऊ कार्य समाप्त हो जाते हैं, इसलिए कर्मचारियों कोज्यादा खेाजपरक बनने का अवसर मिलता है। इसके अलावा, आरपीए से संगठनों की लाभकारिताऔर कार्य कुशलता बढ़ती है। पूँजी बाज़ारसंगठनों के सन्दर्भ में आरपीए लेन-देन में लगने वाले समय में कमी करता है। इसका प्रयोग लेन-देन की रिपोर्टिंग, मिलान. (रिकांसीलिएशन), और निपटान तथा भुगतान प्रक्रियाओं सहित अनेक क्षेत्रों में आरपीएका प्रयोग किया जा सकता है। यह प्रक्रिया काफी समय की बचत करती है और ग्राहक कोशामिल करने, मिलान करने और रिपोर्टिंग जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं में मानवीय त्रुटिकी आशंका पूरी तरह समाप्त हो जाती है। यूजर्स के लिए नया व्यापारिक खाता खोलना,फण्ड शामिल करना, और लाभों की निकासी करना आसान हो जाता है, जिसमें पहले काफी समयलगता था। इसके अलावा, इस पहलू से सम्पूर्ण कारोबारी अनुभव अधिक विश्वसनीय औरपारदर्शी बनता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति हैऔर सह-सम्बद्ध हैं। कार्यक्षेत्र के दृष्टिकोण से एआई एक अधिक व्यापकसिद्धांत है जिसका लक्ष्य कुशल मशीनों का निर्माण करना है जो मानवीय चिंतन क्षमताऔर व्यवहार को प्रेरित करते हैं। दूसरी ओर, मशीन लर्निंग एआई का सबसेट है जिसमेंमशीनें मानवीय क्रियाओं और अन्य प्रक्रियाओं की नक़ल करती हैं, जबकि उन्हें उसउद्देश्य के लिए स्पष्ट रूप से प्रोग्राम नहीं किया गया होता है। ये दोनों टेक्‍नोलॉजीजयह सुनिश्चित करने में मदद करती हैं कि सॉफ्टवेयर ऐप्लिकेशंस अधिक सटीक हो सकें औरकिसी विशिष्ट प्रोग्रामिंग के बगैर पूर्वानुमानों में सुधार हो सके। एआई और मशीन लर्निंग के द्वारा ग्राहक सम्बन्धप्रबंधन में जबरदस्त सुधार हुआ है।परामर्शी सेवाएं और जोखिम प्रबंधन दो अलग क्षेत्र हैं जिनमें इन दो टेक्‍नोलॉजीज के माध्यम से सुधार होता है। हाइब्रिडरोबोट एडवाइजर्स ज्यादाजटिल कार्यों को संपादित करने के लिए मानव वित्तीय सलाहकारों और पोर्टफोलियोप्रबंधकों के साथ व्यक्तिगत संवाद करने की क्षमता देता है। निष्‍कर्षवित्तीय समावेशन को तेजकरने में टेक्‍नोलॉजी की भूमिका पूँजी बाज़ारों में खुदरा निवेशकों की भागीदारी मेंमहत्वपूर्ण वृद्धि से स्पष्ट है। इन टेक्‍नोलॉजीजने पूँजी बाज़ारों में पारदर्शिता बढ़ाने और परम्परागत समस्यायों को संबोधित करने केलिए एक साथ कार्य किया है। इन टेक्‍नोलॉजीज में आगे और सुधारों से वित्तीय समावेशन का स्तर भीबढ़ेगा।