भगवान वाल्मीकि के बिना प्रभु श्रीराम की कल्पना अधूरी: विनोद बंसल

भगवान वाल्मीकि के बिना प्रभु श्रीराम की कल्पना अधूरी: विनोद बंसल

वाल्मिकी जयंती व शरद पूर्णिमा पर लिया बँचितों के कल्याण का संकल्प

नई दिल्ली।PNI News। विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री विनोद बंसल ने आज कहा कि भगवान श्री राम को विश्व के कोने कोने में, जन-जन तक पहुंचाने वाले अगर कोई एक महामानव और महापुरुष या महर्षि हैं तो वे हैं भगवान वाल्मीकि। उनके महाकाव्य जिसे आदि काव्य भी कहते हैं, रामायण के माध्यम से भगवान बाल्मीकि ने प्रभु श्री राम के जीवन चरित्र को इतना सुंदर, रोचक व तथ्यात्मक तरीके से चित्रित किया कि वे जन-जन के आराध्य बन गए। 14 वर्ष की वनवास की अवधि में प्रभु श्री राम ने जो काम किए उन्होंने वंचित, पीड़ित, शोषित, वनवासी, गिरिवासी व अभावग्रस्त समाज के कल्याण की एक अनुपम प्रेरणा दी है। उपेक्षा व आतंक से पीड़ित लोगों में पौरुष तथा सामर्थशाली शक्ति तैयार करना यदि किसी को सीखना है तो रामायण के सुंदरकांड को अवश्य पढ़े। यह कांड में धर्म के साथ राष्ट्र भक्ति का भी अतुलनीय उदाहरण है। ‘अपि स्वर्णमायी लंका, नेम लक्ष्मण रोचते, जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।, का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज वाल्मिकी जयंती पर हम भक्ति के साथ राष्ट्रीय शक्ति के निर्माण हेतु भी प्रतिदिन कुछ ना कुछ अवश्य करेंगे।

दक्षिण दिल्ली के कैलाश हिल्स स्थित श्री राम मंदिर में उपस्थित जन समूह ने आज शरद पूर्णिमा और भगवान बाल्मीकि जयंती पर भावपूर्ण तरीके से न सिर्फ सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का पाठ किया गया अपितु एक संकल्प भी व्यक्त किया गया कि हम सब मिलकर के इस देश को परम वैभव तक पहुंचाने के लिए कृत संकल्पित हैं। भगवान श्री राम की राह पर चलते हुए वंचित, शोषित और पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिदिन कुछ ना कुछ काम अवश्य करेंगे तभी हम राम के सच्चे भक्त कहलाएंगे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय निगम पार्षद श्री राजपाल सिंह व श्रीमती शिखा राय, आर्यसमाज संतनगर की संरक्षिका व वैदिक विदुषी दर्शनाचार्या श्रीमती विमलेश बंसल के अलावा विश्व हिंदू परिषद के विभाग मंत्री श्री राधा कृष्ण, राष्ट्रीय स्वयं संघ के सेवा प्रमुख श्री काशीनाथ शाह, समाज सेवी श्री सत्य प्रकाश गुप्ता व सुधीर अग्रवाल, आरडब्लूए के श्री के सी गर्ग इत्यादि अनेक गणमान्य लोग व अनेक संस्थाओं के पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में माताएं बहनें वह बच्चे उपस्थित थे।