एमिटी विश्वविद्यालय में विश्व ओजोन दिवस पर ओजोन परत संरक्षण के लिए किया जागरूक

एमिटी विश्वविद्यालय में विश्व ओजोन दिवस पर ओजोन परत संरक्षण के लिए किया जागरूक

नोएडा।PNI News। छात्रों, शिक्षकों और शोधार्थियों को ओजोन परत के संरक्षण के लिए जागरूक करने हेतु विश्व ओजोन दिवस पर एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ एनवायरमेंटल टॉक्सीकोलॉजी, सेफ्टी एंड मैनेजमेंट द्वारा ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया और इस वर्ष विश्व ओजोन दिवस का थीम ‘‘ मॉनिट्रियल प्रोटोकॉल - हमें हमारे भोजन और टीकों को ठंडा रखना’’ है। इस कार्यक्रम का शुभारंभ नई दिल्ली के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक साइंसेस की प्रमुख प्रो मंजू मोहन, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के ईएमआरसी के ओजोन एवं एयर क्वालिटी के इंचार्ज और वैज्ञानिक (ई) डा सि़द्धार्थ सिंह, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व एडिशनल डायरेक्टर डा सुशील के त्यागी, एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती, एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय और गु्रप एडिशनल प्रो वाइस चांसलर (शोध एवं विकास) प्रो तनु जिंदल द्वारा किया गया।

नई दिल्ली के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक साइंसेस की प्रमुख प्रो मंजू मोहन ने ‘‘ ओजोन: स्थिति प्रभाव और परिवहन मॉडलिंग’’ विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि हम सब यहां अपनी धरती को बचाने हेतु एक अच्छे कार्य हेतु जमा हुए है। पृथ्वी पर जीवन को बचाने के लिए ओजोन परत का संरक्षण आवश्यक है। ओजोन परत का क्षरण केवल जलवायु के लिए बल्कि मानव के लिए कई रोगों के उत्पन्न का कारण भी है। इससे अनाज की उत्पादकता में भी कमी हो रही है, रूई, सोयाबीन, चावल और गेहॅू की उत्पादकता को प्रभावित कर रहा है। कोविड 19 के दौरान हमारे पर्यावरण में सुधार हुआ है। जैसे जैसे पृथ्वी का तापमान बढ़ा ओजोन प्रदूषण और भी खराब हुआ है। प्रो मोहन ने केमिकल ट्रांसपोर्ट मॉडलिंग का उपयोग कर शहरीकरण का ओजोन पर प्रभाव के केस स्टडी के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होनें कहा कि ओजोन की संरक्षण के लिए शमन उपायों को और प्रभावी तरीके लागू करना होगा।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के ईएमआरसी के ओजोन एवं एयर क्वालिटी के इंचार्ज और वैज्ञानिक (ई) डा सि़द्धार्थ सिंह ने ‘‘ जीवन के लिए ओजोन - भारतीय परिपेक्ष्य’’ विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि ओजोन गैस मॉलेक्यूल, ऑक्सीजन के तीन अॅटम का मिलकर बना होता है। ओजोन परत की अनुपस्थिती में अल्ट्रावायलेट किरणें द्वारा त्वचा रोग, ऑंखों के रोग और प्रतिरोधक क्षमता की कमी आदि रोग उत्पन्न करता है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। स्ट्रेटोस्फेरिक ओजोन के क्षरण से सौर किरणे पृथ्वी के वातावरण के भीतर आ जायेगी और तापमान मेें वृद्वि करेगी। डा सिंह ने कहा कि रेफ्रेजिरेटर, कीटनाशक, वाहन, एयरकंडीशन आदि से निकलने वाली गैसें ओजोन को प्रभावित करती है। क्लोरोफ्लोरोकार्बन का जीवन लगभग 100 वर्षो का होता है। उन्होनें कहा कि अपनी कार, एसी और रेफ्रेजिरेटर को लीक होने से रोके और उन्हे पुनः भरने से पूर्व रिपेयर कराये। स्वंय को सनबर्न से बचायें। उन्होनें भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा ओजोन परत के सरंक्षण में किये जा रहे कार्य और प्रयोग में आने वाले उपकरणों की जानकारी भी प्रदान की।

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व एडिशनल डायरेक्टर डा सुशील के त्यागी ने ‘‘ओजोन परत का क्षरण और उसका जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण, स्वास्थय पर प्रभाव’’ विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि यह दिवस एक महत्वपूर्ण पर्यावरण मुद्दे पर वैश्विक ध्यान केन्द्रीकरण और कार्य करने का दिन है। द वियेना कनवेंशन, मॉन्ट्रीयल प्रोटोकॉल, किगाली एग्रीमेंट कुछ वैश्विक ंकनवेंशन है जिसके अंर्तगत ओजोन संरक्षण के चर्चा और कार्य किये जा रहे है। डा त्यागी ने ओजोन के निर्माण, ओजोन परत की क्षरण के तंत्र, वर्तमान स्थिती को बताते हुए कहा कि ओजोन की परत में पिछले 15 सालों से क्षरण हो रहा है किंतु कोराना के समय में ओजोन परत के क्षरण में कमी आई है। ओजोन का डाबसन यूनिट में आंकलन किया जाता है। ओजोन परत के क्षरण के कारणों को बताते हुए कहा कि सन स्पॉट और स्ट्रैटोफेरिक विंड प्राकृतिक कारण और क्लोरोफ्लोरोकार्बन, मिथाइल क्लोरोफार्म, हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन, कार्बन टेट्राक्लोराइड आदि मानवीय कारक है।

एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज पूरी दुनिया में ओजोन दिवस मनाया जा रहा है। बदलते हुए पर्यावरण, बढ़ रहे प्रदूषण और स्वास्थय पर पड़ रहे प्रभाव के कारण ओजोन परत का संरक्षण और भी आवश्यक हो गया है। एमिटी मे ंहम छात्रों, शोधार्थियों और वैज्ञानिकों को सदैव ओजोन परत के संरक्षण की दिशा में शोध करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते है। ओजोन परत की संरक्षण के लिए सरकारों, निती निर्धारकों, प्रशासन, उद्योगों, अकादमिकों हम सभी को पर्यावरण और प्रकृति की रक्षा का संकल्प लेना होगा और मिलकर कार्य करना होगा। इस अवसर पर उन्होनें अतिथियों के साथ ओजोन परत संरक्षण के क्षेत्र में संयुक्त कार्य करने की संभावनाओं पर चर्चा भी की।

एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय ने कहा कि ओजोन परत को संरक्षण करने और संरक्षित करने के संभावित समाधानो की खोज करने के लिए विश्व ओजोन दिवस हर साल मनाया जाता है। मानव की गतिविधियों के कारण ओजोन परत कम हो रही है जो मनुष्य और पर्यावरण के लिए खतरनाक है इसलिए ओजोन परत का संरक्षण आवश्यक है।

इस अवसर पर गु्रप एडिशनल प्रो वाइस चांसलर (शोध एवं विकास) प्रो तनु जिंदल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के अंर्तगत छात्रों के मध्य ओजोन दिवस पर आधारित पोस्टर निर्माण, लेख लेखन और कविता लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।