एमिटी विश्वविद्यालय में टयूमर मेेटाबॅालिज्म पर अंर्तराष्ट्रीय इंडिया ईएमबीओ लेक्चर कोर्स का आयोजन

एमिटी विश्वविद्यालय में टयूमर मेेटाबॅालिज्म पर अंर्तराष्ट्रीय इंडिया ईएमबीओ लेक्चर कोर्स का आयोजन

एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ मॉलेक्यूलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिसर्च द्वारा ‘‘टयूमर मेटाबॉजिल्म - वर्तमान समझ और आदर्श औषधी के अवसर’’ विषय 28 से 31 मार्च 2023 तक प्रतिष्ठित अंर्तराष्ट्रीय इंडिया ईएमबीओ लेक्चर कोर्स का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का शुभारंभ फ्रांस के सीएनआरएस रिसर्च निदेशक और यूरोपियन मॉलेक्यूलेर बायोलॉजी ऑरगनाइजेशन ( ईएमबीओ ) के सदस्य प्रो जैक्स पॉयसेगुर, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक डा अशोक कुमार चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन की अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ मॉलेक्यूलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिसर्च के चेयरमैन डा बी सी दास, अंर्तराष्ट्रीय इंडिया ईएमबीओ लेक्चर कोर्स के आयोजक प्रो विनित कुमार और सह आयोजक प्रो मरीना क्रेट्ज द्वारा किया गया।

प्रतिष्ठित अंर्तराष्ट्रीय इंडिया ईएमबीओ लेक्चर कोर्स कार्यक्रम में अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, बेल्जियम, रूस, चीन, जापान और भारत सहित विभिन्न देशों के 138 प्रतिभागी और 28 विशेषज्ञ वक्ता, शोधकर्ता और चिकित्सक हिस्सा ले रहे है। यह कार्यक्रम कैंसर और मॉलेक्यूलर बायोलॉजी, संरचनात्मक जीव विज्ञान, जैव सूचना विज्ञान, औषधीय रसायन विज्ञान, और दवा की खोज सहित विविध विषयों पर कार्य कर रहे शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों को एक मंच पर लायेगा और आपसी अनुसंधान सहयोग, नेटवर्किंग, ज्ञान साझा करने, प्रभावी कैसरों के उपचार को विकसित करने के लिए आपसी विचार विमर्श की सुविधा प्रदान करेगा।
सीएनआरएस रिसर्च निदेशक और यूरोपियन मॉलेक्यूलेर बायोलॉजी ऑरगनाइजेशन ( ईएमबीओ ) के सदस्य प्रो जैक्स पॉयसेगुर ने संबोधित करते हुए कहा कि यह विशेष कार्यक्रम कैंसर अनुसंधान की उन्नति को बढ़ावा देगा और  पीएचडी छात्रों को ज्ञान और सीखने का अवसर प्रदान करेगा। उन्होनें ग्लाइकोलिसिस टयूमर के विकास, जीवाणु, वायरल संक्रमण और प्रतिरक्षा - अनुवंाशिक विखंडन और उपचारात्मक दृष्टिकोण का नियंत्रण पर व्याख्यान देते हुए कहा कि इस प्रकार भविष्य के ग्लाइकोलाइसिस अवरोधक का टयूमर के विकास के साथ साथ रोगजनक संक्रमण को नियंत्रित करने पर बहुत प्रभाव पड़ेगा।

एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक डा अशोक कुमार चौहान ने अतिथियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन एमिटी के इतिहास का ऐतिहासिक दिन है जब विश्व के प्रख्यात विशेषज्ञ और वैज्ञानिक एक मंच पर विचार विर्मश कर रहे है। ईएमबीओ और एमिटी, मानव कल्याण के साझा दृष्टिकोण को अपनाते है। दोनों संस्थानों का हर कदम गुणवत्तापूर्ण और परिणाम अपेक्षित होता है। वर्तमान समय में हर व्यक्ति का जीवन नवाचार व अनुसंधान से प्रभावित है विशेषकर कैसंर बॉयोलॉजी के क्षेत्र में शोध की संभावनाये अधिक है। डा चौहान ने कहा कि हम विभिन्न शोध क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देगें।

एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि आज कैंसर विश्व में द्वितीय नंबर पर मौत का प्रमुख कारण है और इसके क्षेत्र में आ रही बहुत सारी चुनौतियों का निवारण आवश्यक है और जिसके लिए आपसी सहयोग जरूरी है। इस कार्यक्रम में बहुत सारे युवा प्रतिभागी और विषय विशेषज्ञ देश के विभिन्न भागों से आये है। इस समय का सद्उपयोग करे, चर्चा और बातचीत से एक दूसरे के विचारों को समझे और सहयोग की संभवनाओं की तलाश करें।

एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन की अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने एमिटी विश्वविद्यालय के संस्थानों, पाठयक्रमों, और वैज्ञानिकों द्वारा किये जा रहे शोध की विस्तृत जानकारी प्रदान की।

एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ मॉलेक्यूलर मेडिसिन एंड स्टेम सेल रिसर्च के चेयरमैन डा बी सी दास ने कहा कि कैंसर कोशिकांए एक अद्वितीय मेटाबॉलिक व्यवहार प्रस्तुत करती है जो सभी प्रकार के कैसर सेल के लिए सार्वभौमिक है। इस वजह से कैंसर कोशिकाए स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में अधिक पोषकतत्वों की मांग करती है जो अपने विकास के लिए अपने ग्लूकोज मेटाबॉलिक को अनुकूलित और पुनः प्रोग्राम करती है। आदर्श और प्रभावी कैंसर उपचारों को विकसित करने के लिए टयूमर माइक्रोएन्वायरमेंट के भीतर इस जटिल मेटाबॉलिक पारिस्थितिकि तंत्र से निपटना होगा।

अंर्तराष्ट्रीय इंडिया ईएमबीओ लेक्चर कोर्स के आयोजक प्रो विनित कुमार ने कहा कि यह सम्मेलन प्रतिभागियों को एक दूसरे से बातचीत करने और विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा अंर्तदृष्टिपूर्ण सत्रों को सुनने का अवसर प्रदान करेगा जो उनके शोध कार्यो में सहायक होगा। यह कैंसर अनुसंधान के क्षेत्र में एआई और एमएल की भूमिका पर प्रकाश डालेगा।

कार्यक्रम की सह आयोजक प्रो मरीना क्रेट्ज ने कहा कि टयूमर मेटाबॉलिज्म अनुसंधान का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है क्योकि वर्तमान में इसे ठीक करने के लिए कोई दवा उपलब्ध नही है। नई दवाओं को खोजना अभी भी एक चुनौती है और आपसी विचार विर्मश नई दवाओं के खोजने में सहायक होगे।

विदित हो कि यूरोपियन मॉलेक्यूर बायोलॉजी ऑर्गनाइजेशन ( ईएमबीओ ) यूरोप के प्रतिष्ठित संगठनों में से एक है जिसमें 1900 से अधिक प्रमुख शोधकर्ता शामिल है जो यूरोप और उसके बाहर जीवन विज्ञान मेें अनुसंधान उत्कृष्टता को बढ़ावा दे रहे है। विश्व भर के वैज्ञानिकों द्वारा ईएमबीओ बैठकों की सराहना की जाती है।
अंर्तराष्ट्रीय इंडिया ईएमबीओ लेक्चर कोर्स के अंर्तगत प्रथम दिन मोनोकारबोक्सलेट ट्रांसपोर्टर और देयर क्लिनिकल सिंग्नीफिकेंस, ए बिगुनाइड टेल - फ्रॉम मेटफार्मिन टू सीआरओ15, द मोनोक्रॉडियल एनएमडीएव शटल सिस्टम इज ए टॉरगेटेबल वुलेनरबिलटिी फॉर गु्रप 3 मेडिलोब्लास्टोमास इन ए हापोक्सीक माइक्रोएनवांयरमेट पर विशेषज्ञों ने जानकारी प्रदान की।