देश के मुसलमान भारतीय, नहीं मानते संसाधनों पर पहला हक: इंद्रेश

देश के मुसलमान भारतीय, नहीं मानते संसाधनों पर पहला हक: इंद्रेश

ममता की सोच उग्रवादी, राहुल को सद्बुद्धि दे भगवान: इंद्रेश कुमार

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने कहा है कि, "जो लोग मुस्लिम समाज को मुसलमान हो, किरायेदार हो या बाहरी कहते हैं, वह भड़काने का काम करते हैं। मुस्लिम न किराएदार थे, न बाहरी, बल्कि इसी देश के हैं। हम सबका डीएनए एक है"। इंद्रेश कुमार ने कहा कि, "इस देश के 99% मुस्लिम यहीं के हैं, उनके पूर्वज यहीं के हैं, उन्होंने अपना मजहब भले ही बदला हो लेकिन वो सभी पूर्वजों और परंपराओं से एक हैं।" इन बातों की जानकारी मंच के मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने दी।

पहला हक नहीं मानता मुसलमान:
इंद्रेश कुमार ने साथ ही साथ या स्पष्ट किया कि, "मुसलमान इस देश की दौलत पर अपना पहला हक नहीं मानता है। वह मानता है कि देश के संसाधनों पर हर हिंदुस्तानी का हक है"। राजघाट स्थित गांधी दर्शन के सत्याग्रह मंडप में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित ईद मिलन समारोह में मौजूद मुस्लिम समाज के लोगों को संबोधित करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि, "हमें मजहबों के नाम पर बंटना नहीं है, हमें हिंदुस्तानियत और इंसानियत की ओर बढ़ते जाना है। हम, देश को ऐसा मुल्क बनाएंगे, जो भाईचारा और मोहब्बत सीखाता है। जो रसूल और इमाम-ए-हिंद राम को पसंद था"। उन्होंने कहा कि मुसलमान जानता है कि वो हिंदुस्तानी था, है, और रहेगा।

गलत थे मनमोहन:
इंद्रेश कुमार ने साफ तौर पर कहा कि धर्म को लेकर बंटवारा नहीं होना चाहिए, धर्म का मतलब सम्मान करना होता है। उन्होंने कहा कि यह बात तो तय है कि पूर्व पीएम मनमोहन का मूल बयान उपलब्ध है। पूर्व प्रधानमंत्री का बयान लोकतंत्र और संविधान विरोधी है, लोकतंत्र विरोधी था, और ऐसा नहीं होना चाहिए था।

देश के मुसलमान भारतीय:
उन्होंने कहा कि इस देश का प्रत्येक भारतीय हिंदुस्तानी है और यदि आप उसे जाति या धर्म में वर्गीकृत कर रहे हैं तो यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है। जिस दिन हम यह मान लेंगे कि हम सभी हिंदुस्तानी हैं, उस दिन देश दंगा मुक्त, भूख मुक्त, हिंसा मुक्त, मजहबी कट्टरता मुक्त हो जाएगा।

ईद मिलन के मौके पर इंद्रेश कुमार ने इस चुनाव में सोच-समझकर मतदान का आह्वान करते हुए कहा कि हम उन्हीं को पसंद करते हैं जो सबको साथ लेकर चले। हमारा पैगाम दंगा, नफरत, छुआछूत, प्रदूषण व भूख से मौत से मुक्ति की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि विदेशी मुल्क में भारत का मान सम्मान बढ़ा है। हमें यह सब देखकर मतदान करना है।

उग्रवादी भाषा गलत:
इंद्रेश कुमार ने ममता बनर्जी की भगवाकरण की टिप्पणी पर कहा कि बेवजह देश को भड़काने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। नेताओं को सच बोलना चाहिए. उग्रवादी भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

भारत अमेरिका नहीं:
सैम पित्रोदा के बयान पर संघ नेता ने कहा कि भारत अमेरिका नहीं है और न कभी होगा। भारत की जड़ें मानवता और संस्कृति में काफी गहरी हैं। भारत को अमेरिका की नकल करने की जरूरत नहीं है। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा का भी इस पर एक बयान बुधवार को सामने आया था। उन्होंने कहा कि भारत में विरासत टैक्स लगाने पर बहस होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। अगर किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है। उसके मरने के बाद 45% संपत्ति उसके बच्चों को मिलती है, जबकि 55% पर सरकार का मालिकाना हक हो जाता है।

ईश्वर राहुल को सद्बुद्धि दे:
इंद्रेश कुमार ने राहुल गांधी के ट्वीट पर कहा कि कुछ नेताओं को जहर उगलने की आदत होती है, भगवान उन्हें ऐसे बयानों से बचने की सद्बुद्धि दे। ज्ञात हो कि राहुल ने ट्वीट किया था कि दलितों, OBC समाज, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों समेत 90% भारत के साथ भयंकर अन्याय हो रहा है। 

कार्यक्रम में शामिल लोग:
ईद मिलन कार्यक्रम में इमाम संगठन के चीफ इमाम उमेर इलियासी, राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्था आयोक के सदस्य शाहिद अख्तर, हरियाणा हज कमेटी के अध्यक्ष मोहसिन चौधरी, हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री मोहम्मद जाकिर, मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर फिरोज बख्त, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉक्टर एमयू रब्बानी, शहनाज गानी, कश्मीर सेवा संघ के अध्यक्ष फिरदौस बाबा, जम्मू कश्मीर डीएसपी स्पेशल कमांडो फोर्स शाहिदा परवीन गांगुली, NCPUL के निर्देश शम्स इकबाल, पूर्व न्यायधीश मोहम्मद शमशाद, इंडिया इस्लामिक सेंटर के अध्यक्ष सिराज कुरैशी, मोहम्मद अफजाल, इस्लाम अब्बास, सैयद रज़ा रिजवी, अबु बकर नकवी, गिरीश जुयाल, डॉक्टर माजिद तालिकोटी, एसके मुद्दीन, शाहिद सईद, रेशमा हुसैन समेत मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सभी राष्ट्रीय संयोजक, प्रांत और क्षेत्रीय संयोजक और सह संयोजक मौजूद रहे। मंच की महिला प्रमुख शालिनी अली,  इसके अलावा देश भर से हजारों कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी मौजूद रहे।