ग्रेनो वेस्ट माइवुड्स निवासियों के लिए उड़ान टीम बनी संजीवनी

ग्रेनो वेस्ट माइवुड्स निवासियों के लिए उड़ान टीम बनी संजीवनी

ग्रेटर नोएडा।PNI News। कोरोना महामारी से निबटने के लिए ग्रेनो वेस्ट की महागुन माइवुडस सोसाइटी के निवासियों के लिए सोसाइटी में ही मौजूद माइवुडस उड़ान जन कल्यान ग्रुप के लोगों की टीम संजीवनी का रूप साबित हुई। उड़ान टीम के सदस्यों ने बाकि रेसिडेंट्स के साथ मिल कर अप्रैल महीने से ही महामारी से लड़ने की योजना बना ली थी रेसिडेंट्स ने अलग अलग टीमें बना कर कोरोना पॉजिटिव हुए रेसिडेंट्स तक सभी संभव सहायता उनके घर तक पहुंचाई फिर चाहे वो नेब्युलिज़ेर मशीन हो, ऑक्सीमीटर हो, ऑक्सीजन सिलिंडर हो, या फिर ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर हो।

उड़ान ने बड़ी ही ज़िम्मेदारी के साथ दूर दूर से ऑक्सीजन सिलिंडर रिफिल करवा कर सभी कोरोना पॉजिटिव रेसिडेंट्स तक पहुँचाये और घर पर ही उनके सेहत में सुधार के लिए प्रयास किया जिस भी रेसिडेंट्स की सेहत में सुधार न होते देख उसके लिए तुरंत एम्बुलेंस उपलब्ध करवा कर उसको जिस भी हॉस्पिटल में बेड मिल सका वहाँ एडमिट करवाया
ऑक्सीजन सिलिंडर की उपलब्धता न होने पर सभी रेसिडेंट्स ने आगे आ कर उड़ान टीम के साथ सहायता राशि एकत्रित कि और ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर मार्किट से किराये पर तथा खरीद कर कोरोना पॉजिटिव रेसिडेंट्स के घर घर पहुँचाये, इसके साथ साथ उड़ान टीम अपने बिल्डर महागुन पर भी लगातार दबाब बनती रही की वो जल्द से जल्द सोसाइटी के क्लब हाउस में 20 बिस्तर वाला लेयर वन का आइसोलेशन सेंटर तैयार करवाए।

उड़ान टीम ने 11 मई को जिलाधिकारी से सहमति ले कर अपने बिल्डर को दी और उनसे क्लब हाउस में शुरूआती तौर पर 05 बिस्तर वाला लेयर वन का आइसोलेशन सेंटर तैयार करवाया जिसमे सभी जरुरी सुविधाओ के साथ क्वालिफाइड नर्सेस भी मौजूद रही। 250 से जायदा रेसिडेंट्स के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी उड़ान टीम ने सभी रेसिडेंट्स तक सहायता पहुँचाने में कोई कसार नहीं छोड़ी उड़ान टीम की रेसिडेंट्स के लिए सहायता यही नहीं रुकी, इसके साथ साथ वैक्सीन का स्लॉट न मिल पाने के कारण जो रेसिडेंट्स परेशान हो रहे थे उनके लिए भी उड़ान टीम ने फोर्टिस हॉस्पिटल की सहायता से क्लब हाउस में बीते रविवार को कोविशील्ड वैक्सीन का कैंप लगवा कर 250 से जायदा रेसिडेंट्स को वैक्सीन लगवाई महामारी के इस समय में उड़ान टीम सही में अपनी सोसाइटी के रेसिडेंट्स के लिए संजीवनी बनी।