प्रभु की हैसियत से मांगने की आदत बना लो अभाव रहेगा ही नहींः धीरेंद्र शास्त्री

नोएडा। हम सभी लोग प्रभु के दरबार में पहुंचकर अपनी हैसियत के हिसाब से मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं, बस यहीं हमसे चूक हो जाती है। हम लोग अपनी हैसियत के हिसाब से मनोकामना लेकर पहुंचते हैं। उन्होंने कहा यदि हम प्रभु के ऊपर छोड़ दें तो वह अपनी हैसियत के हिसाब से हमको देगा। प्रभु के सामने हमारी हैसियत ही क्या है और जब देने वाला अपनी हैसियत से देगा तो अभाव कहां रह जाएगा। यह विचार सावन के पहले सोमवार को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने प्रथम दिवस की कथा के दौरान व्यक्त किए हैं।
ग्रेटर नोएडा स्थित जैतपुरा में आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सात दिवसीय भागवत कथा का आयोजन शुरू हो चुका है। आयोजकों ने कथा श्रवण करने हेतु पहुंचने वालों के लिए बड़े स्तर पर प्रबंध किए हैं। बाहर से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी पूरी तरह व्यवस्था की गई है। वर्षा होने के कारण श्रद्धालुओं को कुछ असुविधा का जरूर सामना करना पड़ रहा है किंतु आयोजकों द्वारा हो रही इस दुविधा पर भी प्रभावी नियंत्रण के कार्य किए गए हैं। पंडाल में पहुंचने के बाद किसी भी प्रकार की श्रद्धालुओं को कोई असुविधा नहीं हो रही है।
दिव्य दरबार 12 को
ग्रेटर नोएडा स्थित बागेश्वर धाम की कथा में दिव्य दरबार 12 जुलाई को प्रातः 11 बजे से लगेगा। इस दरबार में लाखों श्रद्धालु पहुंचेंगे। भव्य रूप से बनाए गए पंडाल में सभी लाखों लोगों श्रद्धालुओं के बैठने का उचित प्रबंध किया गया है। अभी तक की कथाओं का पूरे देश का यह विशालतम पंडाल है, यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु को किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
सुरक्षा के कड़े प्रबंध
आचार्य धीरेंद्र शास्त्री एवं उनके पहुंचने वाले तमाम श्रद्धालुओं के लिए ग्रेटर नोएडा के आयोजकों ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हुए हैं। तमाम पुलिस फोर्स के साथ-साथ निजी सुरक्षा गार्ड, सेवादार, तमाम पुलिस कर्मचारी तथा सीसी कैमरों से सुरक्षा व्यवस्था को अंजाम दिया जा रहा है। कथा स्थल पर बड़े स्तर पर पार्किंग व्यवस्था की गई है।
कथा स्थल तक पहुंचना बेहद आसान
कथा स्थल को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सामने जैतपुरा गांव के पास ढाई सौ बीघे में बड़े स्तर पर कथा पंडाल का निर्माण किया गया है। ग्रेटर नोएडा पहुंचकर सिर्फ मेट्रो ट्रेन की जा रही लाइन को पकड़ना होगा। इसके सहारे चलते हुए जहां मेट्रो लाइन खत्म हो जाती है वहीं भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा में पहुंचने के लिए मेट्रो ट्रेन का भी प्रयोग किया जा सकता है। बस का साधन कुछ परेशान कर सकता है लेकिन ई-रिक्शा द्वारा कथा स्थल तक पहुंचा जा सकता है।