तथास्तु-आईसीएस गुरुकुल में डॉ. डी.के. गुप्ता ने दिया विद्यार्थियों को सफलता का मंत्र

तथास्तु-आईसीएस गुरुकुल में डॉ. डी.के. गुप्ता ने दिया विद्यार्थियों को सफलता का मंत्र

प्रारंभ बैच के छात्रों संग हुआ प्रेरक संवाद, अनुशासन व सकारात्मक सोच को बताया जरूरी

नोएडा। नॉलेज पार्क-1 स्थित तथास्तु इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल सर्विसेज (गुरुकुल) ग्रेटर नोएडा में शनिवार को विद्यार्थियों के लिए इंटरैक्टिव सेशन आयोजित हुआ। इस विशेष अवसर पर फेलिक्स हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. डी.के. गुप्ता ने प्रारंभ बैच के छात्रों से सीधा संवाद किया और उन्हें सिविल सेवाओं की तैयारी को लेकर मूल्यवान सुझाव दिए। इस कार्यक्रम में तथास्तु-आईसीएस संस्थान की संस्थापक और पूर्व सिविल सेवक डॉ. तनु जैन भी उपस्थित रहीं।

डॉ. डी.के. गुप्ता ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि सिविल सेवा परीक्षा केवल पढ़ाई से पास नहीं होती, बल्कि इसके लिए अनुशासन, मेहनत और सकारात्मक दृष्टिकोण भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह परीक्षा केवल ज्ञान की परीक्षा नहीं है, बल्कि धैर्य, अनुशासन और आत्मविश्वास की भी कसौटी है।

साथ ही उन्होंने बताया कि सबसे पहले अभ्यर्थियों को अपनी तैयारी की स्पष्ट रणनीति बनानी चाहिए, बिना योजना के मेहनत अधूरी रह जाती है। उसके लिए ज़रूरी है कि हम अपना विज़न बोर्ड तैयार करें, और अपने मिशन की तरफ बढ़ना चालू करें। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा से लेकर मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार तक हर चरण की अपनी अलग मांग होती है। इसलिए विद्यार्थियों को चाहिए कि वे बुनियादी विषयों पर गहरी पकड़ बनाएं और एनसीईआरटी से शुरुआत करें। करंट अफेयर्स का नियमित अध्ययन बेहद जरूरी है। समाचार पत्र और विश्वसनीय पत्रिकाएं अभ्यर्थियों की तैयारी को धार देती हैं।

सफलता के लिए निरंतरता सबसे अहम है। अगर रोजाना 6 से 8 घंटे की पढ़ाई ईमानदारी से की जाए तो बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। अभ्यर्थियों को सोशल मीडिया पर चल रही गलत चीज और अन्य विचलनों से दूरी बनाकर केवल अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहना चाहिए। उन्होंने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी सफलता के लिए आवश्यक बताया। साथ ही उन्होंने कहा की असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए, असफलता से सीख लेकर ही अगली बार सफलता सुनिश्चित की जा सकती है।

परीक्षा केवल तथ्य याद करने से पास नहीं होती, बल्कि विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और लेखन कौशल पर भी जोर देना चाहिए। विद्यार्थी मॉक टेस्ट और उत्तर लेखन का नियमित अभ्यास करें, जिससे परीक्षा की वास्तविक परिस्थितियों का अनुभव हो सके। अंत में उन्होंने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा जीवन का लक्ष्य नहीं बल्कि समाज की सेवा का माध्यम है। यदि मन में ईमानदारी, सेवा की भावना और देशहित का संकल्प हो, तो सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने छात्रों को समय प्रबंधन, विषय की गहन समझ और आत्मविश्वास बनाए रखने की सीख दी।

सेशन के दौरान छात्रों ने सिलेबस, उत्तर लेखन, रणनीति और परीक्षा के दबाव से निपटने जैसे सवाल पूछे। जहाँ उन्होंने धैर्यपूर्वक सभी प्रश्नों का उत्तर दिया और विद्यार्थियों को यह भरोसा दिलाया कि यदि सही दिशा में मेहनत की जाए तो सफलता निश्चित है। संस्थान की संस्थापक डॉ. तनु जैन ने बताया कि तथास्तु-आईसीएस का मकसद छात्रों को केवल शैक्षणिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि व्यक्तित्व विकास की दिशा में भी आगे बढ़ाना है। ऐसे प्रेरक सत्र विद्यार्थियों को प्रशासनिक सेवाओं की वास्तविक चुनौतियों से रूबरू कराते हैं।