एमिटी विश्वविद्यालय ने सूफेक्स 2023 एक्सपो में प्रस्तुत किये अग्रणी कृषि नवाचार व अनुसंधान
नई दिल्ली स्थित त्यागराज स्टेडियम में एक्सीकॉन गु्रप ऑफ कंपनीज द्वारा शहरी खेती पर ‘‘सूफेक्स’’ 2023 एक्सपो (स्मार्ट अर्बन फार्मिंग एक्सपो) के द्वितीय ंसस्करण में एमिटी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और शोधार्थियों द्वारा विकसित किये गये अग्रणी कृषि नवाचारों और अनुसंधानों को प्रस्तुत किया गया। यह शहरी खेती पर भारत की एकमात्र विशेष प्रदर्शनी है जिसमें स्टॉल प्रदर्शन, सम्मेलन, फार्म यात्रा और पुरस्कार समारोह समाहित है। इस सुफेक्स 2023 एक्सपो में एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन की महानिदेशक डा नूतन कौशिक ने ‘‘शहरी और पेरी शहरी खेती - स्थिति और आगे का मार्ग’’ पर आयेाजित संगोष्ठी की अध्यक्षता की। इस संगोष्ठी का मुख्य उददेश्य शहरी खेती तकनीकों, हाइड्रो एंड एरोपोनिक्स से संबधित कृषि स्टार्टअप, उद्यमिता को प्रोत्साहित करना और नवाचार का उपयोग करने में नियंत्रित पर्यावरण कृषि दायरे को समझना था।

एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन की महानिदेशक डा नूतन कौशिक ने कहा कि बढ़ती शहरी आबादी का शहरी गरीबी और खाद्य असुरक्षा पर प्रभाव पड़ेगा। इस प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए, पर्याप्त खाद्य आपूर्ति और वितरण प्रणाली को सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी और इसलिए शहरी और पेरी शहरी कृषि बागवानी शहरी ताजा खाद्य आपूर्ति श्रृखंला में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में उभरी है। शहरी और पेरी शहरी कृषि बागवानी ग्रामीण कृृषि का पूरक है और राष्ट्रीय खाद्य प्रणाली की दक्षता में सुधार करता है। शिक्षाविद्ों नीति निर्माताओं और चिकित्सकों ने समान रूप से शहरीकरण के कुछ नकारात्मक पर्यावरणीय और आर्थिक प्रभावो को कम करते हुए बढ़ती शहरी आबादी की खाद्य जरूरतों को पूरा करने के संभावित समाधान के रूप में शहरी कृषि पर ध्यान केन्द्रीत किया है। शहरी खेती में नई पीढ़ी के किसान अपनी फसल को बालकनियों और छतों पर उगाते है। अब तक प्रौद्योगिकी आयातित घटको पर बहुत अधिक निर्भर रही किंतु अब मेक इन इंडिया के पहल के तहत अपने स्वंय के मॉडल बनाने का सही समय है। जो विभिन्न श्र्रेणीयों में लोगों की जरूरतों को पूरा करता है।

एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने कहा कि शहरी खेती, कृषि व्यवसाय का सबसे तेजी से विकसित होने वाला क्षेत्र है जो परंपारगत द्वारा पूरी ना हो पाने वाली विशेष जरूरतों को पूरा करने के लिए है। एमिटी के वैज्ञानिका देश में कृषि के क्षेत्र में आ रही समस्याओं के निवारण हेतु अनुसंधान, तकनीकी विकास के अलावा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। हम छात्रों को कृषि और खाद्य प्रौद्योगिकी में कैरियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करते है जो राष्ट्र निर्माण में सहायक बन सकें।
इसके अतिरिक्त एमिटी विश्वविद्यालय ने सुफेक्स 2023 एक्सपो में कृषक समुदाय के लाभ के लिए जीरो एनर्जी कूल चैंबर, कूल बॉट, एग्रीवोल्टि, रूटोनिक, माइक्रोबायल मेटाबोलाइट आधारित जीव कीटनाशक आदि सहित अपनी नवन तकनीकों और उत्पादों को प्रदर्शित किया। इसके अलावा फल और बाजरा आधारित फ्युजन खाद्य उत्पाद जैसे लोटस स्टेम जेम, एक मणिपुरी डिश जिसे संगजू कहा जाता है, बनाना रागी केक, आदि सहित एमिटी विश्वविद्यालय के स्नाकोत्तर छात्र भी स्टॉल पर उपस्थित थे। एक अन्य उत्पाद रोसेल मफिन्स जो एस्कॉर्बिक एसिड, एंथोसायनिन, फेनोलिक सामग्री और एंटीऑक्सीडेंट जैसे घटको से समृद्ध है को एक्सपो में प्रदर्शित किए गये थे।
इस सुफेक्स 2023 एक्सपो में एमएसएमई प्रमोशन कांउसिल के अध्यक्ष डॉ ई मुथुरमन ने एमिटी के छात्रों से बातचीत की और इन उत्पादो को विकसित करने और शहरी खेती में उनकी रूचि को बढ़ाने के प्रयास की सराहना की। इस अवसर पर उन्होनें एमिटी द्वारा खाद्य प्रौद्योगिकी और कृषि के क्षेत्र में पेश किए जा रहे शैक्षणिक कार्यक्रमों की सराहना भी की। समापन समारोह के दौरान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के हॉर्टिक्लचर के डिप्टी डायरेक्टर जनरल डा ए के सिंह और एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन की महानिदेशकडा नूतन कौशिक द्वारा विभिन्न श्र्रेणियों में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किया गया।


