भगवान राम और भारद्वाज ऋषि का सुंदर संवाद
नोएडा: सेक्टर 82 स्थित पॉकेट 7 में आयोजित श्रीराम कथा के सातवें दिन कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी पंचमानंद महाराज ने भगवान राम और भारद्वाज ऋषि के सुंदर संवाद,दशरथ मरण का मार्मिक प्रसंग सुनाया।भगवान राम, लक्ष्मण और सीता सहित प्रयाग पहुंचते हैं। त्रिवेणी को प्रणाम कर भारद्वाज ऋषि के आश्रम जाते हैं, जहां पर भगवान राम ऋषि को प्रणाम करते हैं।भारद्वाज जी उन्हें ह्रदय से लगा लेते हैं। सभी को आसन पर बैठाकर,उन्हें कंद मूल फल खाने को देते है।भारद्वाज जी बोले कि हे प्रभु! जन्म जन्मांतर की तपस्या आज सफल हो गई।भगवान राम ने भारद्वाज ऋषि के गुणों का बखान किया और उनसे विदा लेते हैं।
उधर राजा दशरथ राम के वियोग में अपने प्राण त्याग देते हैं।भरत जब अयोध्या लौटते हैं तो राम जी को वनवास और पिता की मृत्यु पर अपनी मां को धिक्कारते हैं।भरत लाल सभी माताओं, गुरु , मंत्री समेत राम जी को मनाने के लिए चित्रकूट को प्रस्थान करते हैं। आयोजन समिति के प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे ने बताया कि 14 अप्रैल को राम भरत मिलाप,सीता हरण, जटायु उद्धार आदि प्रसंगों का सुंदर वर्णन किया जाएगा।
आचार्य विश्वनाथ त्रिपाठी, आचार्य गौरव , आचार्य नीरज शर्मा , महेन्द्र सिंह, धर्मेंद्र सिंह, रमेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ संवाददाता देवमणि शुक्ल,रवि राघव, अंगद तोमर, संजय पांडे, अजय श्रीवास्तव, एन के सोलंकी, संजय शुक्ल, हरि शंकर सिंह, बृज किशोर, गोरेलाल, उत्तम चंद्रा, देवेंद्र गुप्ता, सुशील पाल , अमितेश सिंह, संगम प्रसाद मिश्र, राजेश गुप्ता, गुरुमेल सिंह, रमेश चंद्र शर्मा, पंकज झा, संगम प्रसाद मिश्र, धर्मेंद्र सिंह, सियाराम , शिववृत तिवारी , हंस मणि शुक्ल, अवनीश तिवारी,विकास शर्मा, प्रमोद श्रीवास्तव सहित तमाम सेक्टरवासी भक्त मौजूद रहें।