राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन में जलशक्ति मंत्रालय और एमिटी विश्वविद्यालय करेगें सहयोग

नोएडा। भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय द्वारा संचालित की जा रहे राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ‘‘ नमामी गंगे’’ में युवाओं को जागरूक करने और नदियों का जीर्णोद्वार करने के लिए भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय और एमिटी विश्वविद्यालय के मध्य एक समझौता पत्र (एमओयू) हस्ताक्षर किया गया। इस समझौता पत्र पर दिल्ली के ताज एम्बेसडर होटल में जलशक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय के मंत्री श्री गजेद्र सिंह शेखावत, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के चेयरमैन डा टी जी सीताराम की उपस्थिती में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक श्री जी अशोक कुमार और एमिटी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा आर के कपूर ने हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर राष्ट्रीय जल मिशन की निदेशक व अपर सचिव श्रीमती अर्चना वर्मा, एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ एनवांयरमेंटल सांइसेस की संयुक्त समन्वयक डा रेनू धुप्पर भी उपस्थित थी।
जलशक्ति मंत्रालय और एमिटी विश्वविद्यालय के मध्य एक समझौता पत्र (एमओयू) के अंर्तगत दोनो संस्थान जागरूकता और अन्य अभियानों में हिस्सा लेने के साथ संयुक्त वेबिनारों, कार्यशालाओं और सम्मेलनों का समर्थन करेगें। जागरूकता अभियानों का समर्थन करने के लिए अर्थ गंगा के प्रावधानों के लिए सक्षम वातावरण का निर्माण किया जायेगा। विश्वविद्यालय के चयनित छात्रों को वित्तीय अनुसंधान सहायता प्रदान की जायेगी जो गंगा केंद्रीत अनुसंधान के निर्माण में योगदान देगा। इसके अतिरिक्त पाठयक्रम में व्यावसायिक स्तर के विषय के रूप में नदी पुनर्जीवन और गंगा के अध्ययन को शामिल करने का प्रयास करने और गंगा गतिविधि केन्द्र स्थापित करने का कार्य किया जायेगा। इस एमओयू के तहत एडाप्ड ए घाट शुरू किया जायेगा जिसमें विश्वविद्यालय द्वारा गगा और उसकी सहायक नदियों के रखरखाव के लिए गोद लिया जायेगा। दोनो संस्थानों के मध्य संसाधन व्यक्तियों का आदान प्रदान, मॉडयूल सहित प्रशिक्षण, संसाधनों को साझा करना और छात्रों को इंर्टनशिप के अवसर प्रदान किये जायेगें।
भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय के मंत्री श्री गजेद्र सिंह शेखावत ने संबोधित करते हुए कहा कि गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए हमें जिम्मेदारी बनाने की बजाय जवाबदारी लेनी होगी और इसके लिए समाज के हर व्यक्ति व संस्थान का सहयोग अपेक्षित है। जल हमारे लिए महत्वपूर्ण नही बल्कि आवश्यक बन गया है। प्राचीन समय से भारत मे ंदेने वाले को देवता का दर्जा दिया गया है जिसमें गंगा व अन्य नदियों सहित पृथ्वी और गाय को देवी माना गया क्योकी हम इनसे प्राप्त करते है। हमारे संस्कारों सहित शिक्षा में इन्हे ईश्वर माना गया किंतु पिछले 50 सालों में इनके प्रति उदासीनता ने नदियों व भूमी को प्रदूषित किया अब उनके पुन पोषण और शुद्धीकरण के दिशा में कार्य हो रहे है। श्री शेखावत ने कहा कि आज दिन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं जब इन चुनौतियों से निपटने के हम विश्वविद्यालयों और छात्रों को भागीदार बना रहे है। जल आंदोलन को जन आंदोलन बनाना होगा। हर छात्र एक गांव, एक परिवार का प्रतिनिधि होता जो बड़ी संख्या में लोगों को जागरूक करेगा। हमें कोशिश करनी चाहिए कि हमें प्राकृतिक संसाधन जिस मात्रा और स्थिती में मिले है उसे और बेहतर बना कर अपनी आने वाली पीढ़ी को दे।
एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने इस समझौता पत्र हस्ताक्षर होने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि एमिटी मे ंहम छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ उनकी नैतिक जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करते है। सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन में एमिटी विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और वैज्ञानिकों की पूर्ण भागीदारी होगी जहां हम छात्रों को गंगा स्वच्छ करने की राह में आ रही चुनौतियों के निवारण हेतु शोध के लिए प्रोत्साहित करेगें वही छात्रों के माध्यम से आमजन को जागरूक भी करेगें।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के चेयरमैन डा टी जी सीताराम ने संबोधित करते हुए कहा कि यह एक बेहतरीन पहल है जिसमें देश के शिक्षण संस्थानों के साथ युवा भी शामिल हो रहे है। हमें बारिश के जल संरक्षण के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए और युवाओं को भी जागरूक करना चाहिए। देश के सभी संस्थान सरकार के इस मिशन में सहायक बनेगें और तकनीकी चुनौतियों को दूर करने का प्रयास करेगें। सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए अमृत सरोवर अभियान का संचालन किया जा रहा है। जल जीवन का महत्वपूर्ण परिपेक्ष्य है और जलाशय व नदियों के मैपिंग और उनकों साफ करने के लिए किया जाना आवश्यक है।
जलशक्ति मंत्रालय के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक श्री जी अशोक कुमार ने इस कार्यक्रम का उददेश्य संस्थानों को अपने विचारों को प्रकट करने और सहयोग के लिए सहमती बनाने हेतु मंच प्रदान करना है। जलशक्ति मंत्रालय और विश्वविद्यालय मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करेंगें। उन्होेनं जलशक्ति मंत्रालय द्वारा ंसचालित किये जा रहे राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के कार्यो की जानकारी दी।
इस अवसर पर न्यूर्याक की आईवीइसीए इंटरनेशनल वर्चुअल स्कूलिंग की संस्थापक और अध्यक्ष डा इनुही जंग सहित कई विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर और वरिष्ठ अकादमिक भी उपस्थित थे।