औद्योगिक विकास प्राधिकरण अधिनियम और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड अधिनियम के मूल उद्देश्यों की अनदेखी की जा रही है: सुरेंद्र सिंह

नोएडा। एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन नोएडा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यीडा औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में अधिनियमों के खुले उल्लंघन और रेरा (RERA) की कार्यप्रणाली पर गंभीर आपत्ति दर्ज कराते हुए सुधारात्मक कार्रवाई की मांग की है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सुरेंद्र सिंह नाहटा ने बताया कि औद्योगिक विकास प्राधिकरण अधिनियम 1976 और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड अधिनियम 1985 के मूल उद्देश्यों की लगातार अनदेखी की जा रही है। औद्योगिक शहरों के नाम पर बिल्डरों, रियल एस्टेट कंपनियों और प्रॉपर्टी डीलरों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जबकि छोटे और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) के हितों की उपेक्षा हो रही है।
एसोसिएशन की मुख्य आपत्तियां
औद्योगिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक और आवासीय परियोजनाओं को अनुमति दी जा रही है।
औद्योगिक भूखंडों का गैर-औद्योगिक प्रयोजनों में दुरुपयोग हो रहा है।
रेरा द्वारा प्रॉपर्टी एजेंटों को प्रशिक्षण व लाइसेंस देकर औद्योगिक शहरों की मौलिक संकल्पना को कमजोर किया जा रहा है।
प्रमुख मांगें
एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से निम्न सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की है—
1. अधिनियमों के उल्लंघन की उच्चस्तरीय जांच।
2. औद्योगिक क्षेत्रों में रियल एस्टेट व एजेंटों के प्रभाव को नियंत्रित कर मूल औद्योगिक उद्देश्य की बहाली।
3. रेरा की कार्यप्रणाली की समीक्षा और उद्योगों के हितों को प्राथमिकता।
4. भूमि आवंटन, लाइसेंस व नियमों में पारदर्शिता हेतु स्वतंत्र निगरानी तंत्र।
5. उद्योगपतियों के साथ नियमित संवाद कर समस्याओं का समाधान।
सुरेंद्र नाहटा ने कहा कि यदि समय रहते इस गंभीर विषय पर कार्रवाई नहीं की गई तो प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्लस्टर की पहचान और उद्देश्य पूरी तरह समाप्त हो सकता है। इससे रोजगार, उत्पादन और निवेश पर सीधा असर पड़ेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से न केवल औद्योगिक क्षेत्र मजबूत होगा बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन भी सुदृढ़ होगा।