विहान-2025 : नर्सिंग सिर्फ करियर नहीं, बल्कि मानवता की सेवा: डॉ. डी.के. गुप्ता

विहान-2025 : नर्सिंग सिर्फ करियर नहीं, बल्कि मानवता की सेवा: डॉ. डी.के. गुप्ता

नॉलेज पार्क स्थित जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (GIMSAR) में बुधवार को बी.एससी. नर्सिंग के तीसरे बैच (2025-29) के छात्रों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम "विहान-2025" का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में फेलिक्स हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. डी.के. गुप्ता मुख्य अतिथि रहे।

डॉ. डी.के. गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि नर्सिंग केवल नौकरी नहीं, बल्कि मानवता की सच्ची सेवा है। उन्होंने बताया कि नर्स मरीज के दुख को सबसे पहले समझती है और उपचार की पूरी प्रक्रिया में उसका भरोसेमंद सहारा बनती है। डॉक्टर इलाज की दिशा तय करते हैं, लेकिन मरीज की देखभाल, मानसिक सहारा और सतर्क निगरानी नर्स ही करती है। नर्स का योगदान किसी भी अस्पताल की आत्मा जैसा है। जिस दिन समाज नर्सिंग के महत्व को उतनी ही गंभीरता से समझेगा जितना डॉक्टरों की भूमिका को, उसी दिन स्वास्थ्य सेवा में वास्तविक क्रांति आएगी। उन्होंने कहा कि मरीज की देखभाल केवल दवा देने या इंजेक्शन लगाने तक सीमित नहीं होती। नर्स लगातार मरीज की स्थिति पर नजर रखती है, छोटे बदलावों को पहचानती है और आवश्यकतानुसार डॉक्टर को सूचित करती है।

कई बार मरीज की जान बचाने में नर्स की सतर्कता निर्णायक साबित होती है। इसके अलावा, नर्स का भावनात्मक और मानसिक सहयोग भी उतना ही महत्वपूर्ण है। बीमार व्यक्ति शारीरिक दर्द के साथ मानसिक तनाव से जूझता है और नर्स का स्नेह, सहानुभूति और सहयोग उसे आत्मविश्वास और हिम्मत देता है।

डॉ. डी.के. गुप्ता ने बताया कि आज नर्सिंग केवल अस्पताल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह घर-घर स्वास्थ्य सेवाओं, टीकाकरण, जन जागरूकता और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यों तक फैली हुई है। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान नर्सों की भूमिका को भी सराहते हुए कहा कि उन्होंने जान जोखिम में डालकर सेवा दी, जो मानवता के लिए प्रेरणा का सर्वोच्च उदाहरण है।

नर्सिंग छात्रों से डॉ. डी.के. गुप्ता ने  आह्वान किया कि वे इस करियर को केवल नौकरी तक सीमित न रखें, बल्कि इसे सेवा भाव और समर्पण के साथ निभाएं। उन्होंने शिक्षा में व्यावहारिक प्रशिक्षण और मानवीय दृष्टिकोण का संतुलन बनाए रखने पर जोर दिया। साथ ही छात्रों को चिकित्सा विज्ञान की नई तकनीकों को अपनाने और लगातार सीखते रहने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि नर्सिंग सामाजिक उत्तरदायित्व से भी जुड़ा है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने करियर के साथ समाज सेवा में भी सक्रिय भूमिका निभाएं। डॉ. डी.के. गुप्ता ने  कहा कि मरीज की संतुष्टि और स्वस्थ होने की प्रक्रिया नर्स की संवेदनशीलता, देखभाल और समर्पण पर सबसे ज्यादा निर्भर करती है। प्रोग्राम का उद्देश्य छात्रों को नर्सिंग के महत्व,जिम्मेदारियों और मानवीय सेवा के बीच संतुलन समझाना था। यह ओरिएंटेशन नए छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना और उन्हें नर्सिंग को केवल नौकरी नहीं, बल्कि समाज और मानवता के लिए एक मिशन के रूप में अपनाने की सीख दी। इस अवसर पर नर्सिंग क्षेत्र के अन्य विशेषज्ञ भी मौजूद रहे।

प्रो. (डॉ.) पिटी कौल, पूर्व निदेशक एसओएचएस, इग्नू एवं एमेरिटस प्रोफेसर, एसएनएसआर शारदा यूनिवर्सिटी, डॉ. अनीता गुप्ता, निदेशक, धर्मो रक्षति रक्षित फाउंडेशन (एनजीओ), नव्या ऑगस्टीन, चीफ नर्सिंग ऑफिसर, यथार्थ सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा और अबेडनेगो पीटर जॉनसन, डायरेक्टर ऑफ नर्सिंग, फेलिक्स हॉस्पिटल नोएडा ने छात्रों को संबोधित किया और उन्हें नर्सिंग करियर में सफलता और सामाजिक सेवा के लिए प्रेरित किया।