अभिमंच 2025 : संस्कार और सृजन का संगम “संस्कारों का आधार ही सपनों को आकाश देता है

नोएडा। ज्ञानश्री स्कूल का भव्य आयोजन उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। यह वार्षिक सांस्कृतिक समारोह विद्यालय के उस दृष्टिकोण को अभिव्यक्त करता है जिसमें शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं, बल्कि मूल्यों, सृजनात्मकता और सामाजिक सहभागिता के साथ जुड़ी होती है।
कार्यक्रम दो अलग-अलग सत्रों में आयोजित किया गया। प्रातःकालीन सत्र के मुख्य अतिथि विधानपरिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा तथा अपराह्न सत्र के मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी बच्चू सिंह ने दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
सरस्वती वंदना के सुरों ने सम्पूर्ण वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती प्रियंका भटकोटी ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं और उन्हें अपनी प्रतिभा को मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर देते हैं। उन्होंने अभिभावकों का निरंतर समर्थन के प्रति आभार भी व्यक्त किया । इस अवसर पर कार्यकारी समिति की श्रीमती प्रीति अग्रवाल, संस्थापक निदेशक श्रीमती रीटा कपूर एवं प्रशिक्षण निदेशक श्रीमती बृंदा घोष की
उपस्थिति ने समारोह को और विशेष बना दिया।
समारोह के दौरान प्रस्तुत वार्षिक प्रतिवेदन ने विद्यालय की वर्षभर की उपलब्धियों को विस्तार से दर्शाया—चाहे वह शैक्षणिक उत्कृष्टता हो, खेलकूद में उपलब्धियाँ हों या विभिन्न रचनात्मक परियोजनाओं में
विद्यार्थियों की भागीदारी। इसने यह साबित किया कि ज्ञानश्री स्कूल विद्यार्थियों को केवल शिक्षित ही नहीं बल्कि संवेदनशील नागरिक बनाने की दिशा में भी निरंतर सक्रिय है।
कार्यक्रम का सबसे आकर्षक एवं भावनात्मक क्षण रहा रामायण पर आधारित नाट्य मंचन, जिसमें बाल कलाकारों ने सत्य, साहस, करुणा और मर्यादा जैसे शाश्वत मूल्यों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया। दर्शकों ने
तालियों की गड़गड़ाहट से इस प्रस्तुति की भूरी-भूरी प्रशंसा की, जिसने सभी को भारतीय संस्कृति की गहराई से पुनः जोड़ दिया। यह प्रस्तुति दर्शकों के लिए एक प्रेरक अनुभव रही और याद दिलाती है कि सच्चे मूल्य और संस्कार जीवन में हमेशा मार्गदर्शक बने रहते हैं।
समापन सत्र में सभी अतिथियों, शिक्षकों, आयोजन दल एवं अभिभावकों के प्रति औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ, किंतु उपस्थित जनों के हृदयों में संजोई गई स्मृतियाँ इस आयोजन को लंबे समय तक यादगार बनाए रखेंगी।
ज्ञानश्री स्कूल का प्रारंभिक चरण अब उत्साह और उमंग के साथ अभिमंच 2026 का इंतजार कर रहा है, ताकि संस्कार, सृजन और सहयोग की यह गौरवपूर्ण परंपरा और भी उज्ज्वल रूप में आगे बढ़ती रहे।