नोएडा में हिंदी साहित्य भारती ने मनाया हिंदी दिवस: भाषा की महत्ता और एकता पर जोर

नोएडा: हिंदी साहित्य भारती, जिला गौतमबुद्धनगर के तत्वावधान में शनिवार को हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बाबा कानपुरी के आवास सदरपुर, सेक्टर-45, नोएडा में हुआ। कार्यक्रम में हिंदी भाषा और संस्कृति पर चर्चा, मां भारती को स्वैच्छिक सहयोग समर्पण तथा हिंदी कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न साथियों ने अपनी कविताओं का पाठ किया।
कार्यक्रम की शुरुआत हिंदी दिवस की महत्ता पर चर्चा से हुई। वक्ताओं ने बताया कि हिंदी दिवस हर वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। यह दिन हमें हमारी मातृभाषा के प्रति सम्मान जगाने और उसके दैनिक उपयोग को बढ़ावा देने की प्रेरणा देता है। हिंदी न केवल संवाद का माध्यम है, बल्कि यह देश की विविधता को एक सूत्र में बांधने वाली शक्ति भी है। महात्मा गांधी ने 1918 में हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को जनमानस की भाषा बताते हुए इसे राष्ट्रभाषा बनाने पर जोर दिया था।
हालांकि, आजादी के बाद भी राजनीतिक कारणों से इसे पूर्ण राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिल सका, लेकिन यह राजभाषा के रूप में देश को जोड़ने का महत्वपूर्ण माध्यम बनी हुई है।
हिंदी भाषा के राष्ट्रभाषा बनने के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए वक्ताओं ने कहा कि 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने सर्वसम्मति से हिंदी को केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा घोषित किया था।
यह निर्णय भारत की भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए लिया गया, जहां हिंदी को देवनागरी लिपि में अपनाया गया। संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस तिथि का चयन किया, क्योंकि यह हिंदी साहित्यकार व्यौहार राजेंद्र सिंह के जन्मदिन से भी जुड़ी थी। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के सुझाव पर 1953 से हिंदी दिवस औपचारिक रूप से मनाया जाने लगा।
वक्ताओं ने जोर दिया कि हिंदी का प्रचार-प्रसार न केवल सांस्कृतिक गौरव बढ़ाता है, बल्कि पूरे देश को एकजुट करने में भी मदद करता है, क्योंकि यह उत्तर भारत से लेकर दक्षिण तक लाखों लोगों की भाषा है।
कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। डॉ. रामनिवास शुक्ला ने हिंदी की सांस्कृतिक भूमिका पर प्रकाश डाला, जबकि डॉ. पुष्पेंद्र कुमार शर्मा, महामंत्री ने कविता पाठ के माध्यम से भाषा के भावनात्मक महत्व को रेखांकित किया। जिला अध्यक्ष विनोद तोमर ने हिंदी को राष्ट्रीय एकता के सूत्र के रूप में वर्णित किया। आर एन श्रीवास्तव, टी एन गोविल, प्रांतीय अध्यक्ष बाबा कानपुरी, विनोद शर्मा, विनय विक्रम सिंह, किसलय शर्मा, उद्धव विश्वकर्मा, प्रांतीय कोषाध्यक्ष अटल मुरादाबादी तथा अखिलेश गुप्ता ने भी अपने विचार साझा किए। श्रद्धा समर्पण कार्यक्रम में मां भारती को स्वैच्छिक सहयोग समर्पित किया गया, जो हिंदी के प्रति समर्पण का प्रतीक था।
हिंदी कवि गोष्ठी में उपस्थित सभी साथियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से हिंदी की महत्ता को उजागर किया। कार्यक्रम का समापन हिंदी को मजबूत बनाने के संकल्प के साथ हुआ, जो नोएडा में हिंदी प्रेमियों के बीच उत्साह का संचार कर गया।