नारी उत्थान हेतु दिल्ली में लिंग्वा मार्च एवं सामूहिक परिचर्चा का आयोजन

नारी उत्थान हेतु दिल्ली में लिंग्वा मार्च एवं सामूहिक परिचर्चा का आयोजन

नई दिल्ली।PNI News। "हर नारी में नर का भी रूप है। अंग्रेजी के शब्द वुमन मैन एवं वूम से बना है जिसका तात्पर्य यह है कि गर्भ धारण करने की क्षमता जिसमे में हो वो नारी है, जिससे इस सृष्टि में मानव जाति की उत्पति होती है और इस प्रकार हम सब जननी से हीं उत्पन्न होते हैं। अतएब एक महिला एक कई मायनें में एक पुरुष से अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि वुमन शब्द गर्भ और पुरुष के संयोजन से है।" अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक जन सभा को संबोधित करते हुए ये बातें जाने माने लेखक डॉ बीरबल झा ने कहा।

समाज में नारी शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, लब्ध प्रतिष्ठित विद्वान् व ब्रिटिश लिंग्वा के प्रबंध निदेशक डॉ बीरबल ने आगे कहा कि एक लड़की को कौशल प्रदान करने का अर्थ है कि आने वाली पीढ़ी को भी सहज कुशल बनाना। जबकि एक पुरुष शिक्षित करने का अर्थ है एक व्यक्ति को कुशल बनाना। अतः भारत जैसे देश में महिला कौशल संबर्धन पर और जोड़ देने की आवश्कयता है।

महिला दिवस कार्यक्रम को रेखांकित करते हुए पूर्वी दिल्ली के आसपास के क्षेत्र में ब्रिटिश लिंगुआ की ओर से छात्रों ने महिला आदर्श एवं जागरूकता अभियान चलाया गया। नारी महत्वा को दर्शाते हुए हाथों में तख्तियां लिए एक जुलूस भी निकाली गई । साथ हीं नारी विमर्श का भी आयोजन किया गया।

उल्लेखनीय है कि 8 मार्च को प्रतिवर्ष विश्व स्तर पर महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का जश्न मनाया जाता है। साथ ही यह लैंगिक समानता में तेजी लाने के लिए एक कार्यक्रम का भी आयोजन होता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं का प्रतीक रंग बैंगनी है। बैंगनी, हरा और सफेद रंगों का संयोजन महिलाओं की समानता का प्रतीक है, जिसकी उत्पत्ति 1908 में इंग्लैंड में महिला सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष संघ से हुई थी।

कम्युनिकेशन स्किल के लिए अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान है ब्रिटिश लिंगुआ जो प्रशीक्षणार्थी के करियर उन्मुखीकरण एवं व्यक्तित्व विकास के लिए ढेर शैक्षणिक व सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित करती है।

इस सामूहिक परचर्चा एवं लिंगुआ मार्च में शामिल होने वालों में प्रमुख रूप से कंटेंट राइटर लेखक पूजा यादव, कलाकार विजय कुमार प्रसाद, छायाकार अमित किशोर आनंद, जेमामणि किरो, अपर्णा मिश्रा, अंजलि झा, ज्योति झा, महेश कुमार, मो नौमान हुसैन, मनीष गौर, नारायण कुमार और मो सकलैन शामिल थे ।