एमिटी बिजनेस स्कूल द्वारा चतुर्थ तकनीकी सम्मेलन ‘‘इनफिनिटी 2021’’ का आयोजन
नोएडा।PNI News। एमिटी बिजनेस स्कूल द्वारा ‘‘कोविड 19 महामारी के दौरान और उसके उपरांत व्यापार निरंतरता के लिए डिजिटल परिवर्तन, सूचना सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन’’ विषय पर चतुर्थ तकनीकी सम्मेलन ‘‘ इनफिनिटी 2021’’ का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय ऑनलाइन सम्मेलन का शुभारंभ भारत सरकार के नेशनल सिक्योरिटी कांउसिल सेक्रेटरियेट के नेशनल साइबर सिक्योरिटी कोआर्डीनेटर लेफ्ट जनरल राजेश पंत, नेशनल ई गर्वनेंस डिविजन के अध्यक्ष एंड सीईओ श्री अभिषेक सिंह (आईएएस), एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला और एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के डीन डा संजीव बंसल द्वारा किया गया। सम्मेलन में विशेषज्ञो, उद्यमियों, अकादमिकों, शोधार्थियों और छात्रों ने हिस्सा लिया।
सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए भारत सरकार के नेशनल सिक्योरिटी कांउसिल सेक्रेटरियेट के नेशनल साइबर सिक्योरिटी कोआर्डीनेटर लेफ्ट जनरल राजेश पंत ने कहा कि महामारी के दौरान इंटरनेट सभी के लिए आवश्यक सेवा बन गई और इंटरनेट की उपलब्धता में वैश्विक विसंगतियां थी, अप्रत्याशित उतार चढ़ाव और साइबर अपराध इंटरनेट से जुड़ी कुछ सबसे बड़ी चुनौतियां बन कर उभरी है। कंपनियों और लोगों के लिए रैंसमवेयर अटैक के प्रति जागरूक होना जरूरी हो गया है क्योकि घरेलू सूचना प्रौद्योगिकी पर कमजोर नियंत्रण के कारण मामले बढ़ रहे है। डा पंत ने सलाह देते हुए कहा कि साइबर हमले से स्वंय को सुरक्षित रखने के लिए नियमित रूप से पूरे सिस्टम का बैकअप रखना चाहिए और साइबर ऑडिट कराना चाहिए। घर से काम करने वाले कर्मचारियो ंको व्यक्तिगत और कोरपोरेट कार्यो के लिए अलग अलग उपकरणों का प्रयोग करना चाहिए। इन समस्याओ ंको कंपनियों सहित कर्मचारियों को भी गंभीरता से लेना चाहिए।
नेशनल ई गर्वनेंस डिविजन के अध्यक्ष एंड सीईओ अभिषेक सिंह (आईएएस) ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी ने व्यवसाय के लिए नई चुनौतियां उत्पन्न कर दी और लोगो ने घर से कार्य करना प्रारंभ कर दिया जो अब नव समान्य हो गया है। कंपनियां अपने डिजिटल परिवर्तन में तेजी ला रही है और साइबर सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय है। वर्क फ्रॉम होम की संस्कृति का पालन हर देश कर रहा है जिसकी कोई सीमा नही है। हर कर्मचारी, छात्र, शिक्षक, माता पिता, स्वास्थय कार्यकर्ता आदि सभी डिजिटल उपयोग की ओर बढ़ रहे है। उन्होेने कहा कि साइबर हमले से व्यवसाय को बड़ा नुकसान हो सकता है और यह व्यवसायिक प्रतिष्ठा को प्रभावित करने के साथ ग्राहकों के विश्वास को भी नष्ट कर सकता है। कंपनियों को इस गंभीर मुददे पर विचार करते हुए कुछ अभ्यासों को अपनाना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि नेशनल ई गर्वनेंस डिविजन ने डेटा बचाने के लिए विभिन्न उपकरण बनाये है और सुरक्षा के लिए आईटी नियमों को अधिसूचित किया गया है जिससे हर व्यक्ति बिना किसी डर के और सुरक्षा के साथ इंटरनेट का उपयोग कर सके।
एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि कोविड ने विभिन्न क्षेत्रों को भिन्न भिन्न रूप से प्रभावित किया है। लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में बंद थे और उनकी प्राथमिकता काम से पहले स्वास्थय सेवा थी। प्रौद्योगिकी ने हमें अपने जीवन को बेहतर बनाने और चीजों को आसान बनाने में सहायता की है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आगे बढ़ेगा किंतु सकरात्मक और नकारात्मक प्रभाव के साथ। साइबर अपराध बढ़ रहे और इस पर लगाम लगाने की जरूरत है। एमिटी में हम विभिन्न सम्मेलनों के माध्यम से छात्रों को साइबर अपराध के मुददे पर जागरूक करने का प्रयास करते है।
एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के डीन डा संजीव बंसल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस सम्मेलन का उददेश्य साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना और साइबर अपराध से बचने के लिए विभिन्न अभ्यासों की जानकारी प्राप्त करना है। साइबर अपराध, व्यापार के साथ देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक है और उसे रोकने के लिए साझा प्रयास आवश्यक है।
सम्मेलन के तकनीकी सत्र के अंर्तगत नेशनल ई गर्वनेंस डिविजन की वैज्ञानिक सुश्री तूलिका पांडेय, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ अमित दुबे, थिंक टैक संस्थापक, साइबर सुरक्षा और पब्लिक पॉलिसी विशेषज्ञ श्री कनिष्क गौर, एनक्सजी सिक्योर के सीईओ मयंक जैन, लंदन के वराफ स्ट्रीट स्टूडियो के संस्थापक वेंकटेश कृष्णा और इंसेडो इंक के वरिष्ठ निदेशक आर्ची जैक्सन ने साइबर सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन पर विचार व्यक्त किये।


