कथक नृत्यांगना डा. अनु सिन्हा के जन्म दिन पर इंटरनेशनल डांस एंड म्यूजिक फेस्टिवल का हुआ आयोजन

कथक नृत्यांगना डा. अनु सिन्हा के जन्म दिन पर इंटरनेशनल डांस एंड म्यूजिक फेस्टिवल का हुआ आयोजन

नोएडा। कलाओं को समर्पित सुप्रसिद्ध संस्था फाउंडेशन फॉर  कृष्णकला  ऐंड एजुकेशन सोयायटी द्वारा  जानीमानी कथक नृत्यांगना डॉक्टर अनु सिन्हा के जन्म दिन पर इंटरनेशनल डांस ऐंड म्यूजिक फेस्टिवल सीजन-2 का भव्य आयोजन बुधवार को इंदिरा गांधी कला केंद्र, सेक्टर-6,  नोएडा में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ  भारतीय  कला एवं साहित्य जगत की कई दिग्गज हस्तियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर हुआ

"फाउंडेशन फोर कृष्ण कला एंड एजुकेशन सोसाइटी" नोएडा द्वारा इंदिरा गांधी कला केंद्र नोएडा के ओडिटोरियम में इंटरनेशनल डांस एवं म्यूजिक फेस्टिवल सीजन - 2 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में रामसुतार विश्व विख्यात मूर्तिकार बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए। विशिष्ट अतिथि के रूप में दीपक महाराज कत्थक सम्राट बिरजू महाराज के सुपुत्र, गुरू विदुषी नंदिनी सिंह, एम पी सिंह, जितेंद्र ओझा, सदानंद विश्वास आदि ने रामसुतार जी एवं डाक्टर अनु सिन्हा (प्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना) के साथ दीप प्रज्वलित किया। सबने अपने विचार रखे। दीपक महाराज ने अपने गुरु - पिता की पंक्तियाँ प्रस्तुत की। नंदिनी सिंह ने राधा के साथ अन्य गोपियों का प्रसंग सुनाया। महीपाल सिंह ने नंदिनी सिंह के साथ राधा एवं कृष्ण के प्रेम पर आधारित रचना 'प्रेमगंगा' का मंचन किया। देश के सुदूर क्षेत्रों से आये कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी। कत्थक नृत्य के साथ साथ अन्य विधाओं पर भी प्रस्तुतियां हुई। केंद्रीय विद्यालय दिल्ली के छात्रों ने छटा बिखेरी। सैक्टर 14 नोएडा के स्कूल के छात्रों ने अपने गुरु श्री जे. के. गुप्ता के मार्गदर्शन में "इंसाफ की डगर पै, बच्चों दिखाओ चलके" बहुत अच्छा गाया। जे. पी. रावत, साहित्य कुमार चंचल, अटल मुरादाबादी, देवेन्द्र कुमार देव, आनंद मोहन, तबिशखैराबादी , डा. नेहा इलाहाबादी आदि ने काव्य पाठ किया।

जानी-मानी कथक नृत्यांगना एवं फाउंडेशन फॉर कृष्णकला संस्था की अध्यक्षा डॉ अनु सिन्हा ने इस अवसर पर सभी अतिथियों का विशेष सम्मान किया। जिसमें सुप्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मा भूषण राम सुतार, दीपक महाराज ,अभय सिन्हा, वरिष्ठ कथक नृत्यांगना नंदिनी और टेन न्यूज़ के फाउंडर गजानन माली एवं अन्य अतिथियों का समावेश था ।
अपने स्वागत भाषण में डॉ अनु सिन्हा ने कहा कि भारतीय कला एवं संगीत को बढ़ावा देने के लिए संस्था निरंतर कार्य कर रही है और समय-समय पर हमारी संस्था इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करके समाज में अपनी सभ्यता और संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ लोगों के मन में राष्ट्र प्रेम जागृत कर रही है।

सुप्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मश्री राम सुतार ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि कला से समर्पण भाव से जुड़ने पर मानव राष्ट्र और समाज सेवा के साथ भी जुड़ जाता है। इसलिए कला मनुष्य के जीवन में वो स्त्रोत है जिसके बिना मानव का शरीर तो पूरा हो जाता है लेकिन आत्मा अधूरी रह जाती है।

कार्यक्रम की वरिष्ठ अतिथि कथक नृत्यांगना नंदिनी ने अपनी अद्भुत रचनाओं को प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज की तारीख में लखनऊ घराने और जयपुर घराने में भी कोई ज्यादा फर्क नहीं रह गया है। पहले लखनऊ में मुगल शासकों के काल में उनके दरबार में नृत्य प्रस्तुत करने वाले नर्तक और नृत्यांगना को मुगल घराना कहा जाता था, और जयपुर में हिंदू राजाओं के काल में उनके दरबार में नृत्य प्रस्तुत करने वाले नर्तक और नृत्यांगनाओं को हिन्दू घराने अर्थात जयपुर घराने का कहा जाता है। क्योंकि लखनऊ घराना मुग़ल सभ्यता जबकि जयपुर घराना हिन्दू संस्कृति पर आधारित था।‌ पर आज के समय में इस बात में कोई ज्यादा अंतर नहीं है दोनों एक समान है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं गौतमबुद्ध नगर के वर्तमान लोक सभा सांसद डॉ महेश शर्मा की ओएसडी वनेजा उन्नीकृष्णन ने डॉ महेश शर्मा के ओर से डॉ अनु सिन्हा को जन्मदिन की हार्दिक बधाई दी। साथ ही उनको उनके जन्मदिन के अवसर पर एक गुलदस्ता और ‌एक भेंट वस्तु भी दी।
दीपक महाराज ने अपने गुरु – पिता की पंक्तियाँ प्रस्तुत की। नंदिनी सिंह ने राधा के साथ अन्य गोपियों का प्रसंग सुनाया। महीपाल सिंह ने नंदिनी सिंह के साथ राधा एवं कृष्ण के प्रेम पर आधारित रचना ‘प्रेमगंगा’ का मंचन किया। केंद्रीय विद्यालय रोहिणी दिल्ली के छात्रों ने छटा बिखेरी। सैक्टर 14 नोएडा के स्कूल के छात्रों ने अपने गुरु श्री जे के गुप्ता के मार्गदर्शन में “इंसाफ की डगर पै, बच्चों दिखाओ चलके” बहुत अच्छा गाया।

इस भव्य आयोजन में अनेक जाने-माने एवं उभरते कलाकारों के द्वारा गीत एवं नृत्य प्रस्तुत दी। वीरेंद्र कुमार, सुशील शर्मा, रामकृष्ण दुबे, गौतम ऋषि,  छाया राय, राजीव सिकरवार,  राकेश परमार, कैप्टन श्याम  कुमार, नूतन, अनुज अग्रवाल, टीवी कलाकार सारिका  अग्रवाल, देवेंद्र कुमार मित्तल,  शैलेंद्र दुबे, सुमुतंजय झा, पूजा शर्मा ने भी अपनी कला का  प्रदर्शन किया।

इस विशेष अवसर पर काव्य  गोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें कवि जे. पी. रावत, बी. एल. बत्रा, महिपाल  सिंह, दिलदार देहलवी, चंचल  सिंह, साहित्यकुमार चंचल, आनन्द नारायन, देवेन्द्र शर्मा देव, शायरा नेहा इलहाबादी, शायर ताबिश खैराबादी, अटल  मुरादाबादी ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।

निर्णायक मंडल के सदस्य अभय सिन्हा, जितेन्द्र ओझा, सदानंद विश्वास, जया पाठक, दीपमाला नूतन, प्रिया दास, मानवी चतुर्वेदी, निशा रानी, अंशिका भदौरिया, महिमा गुप्ता, मौमिता घोष, सीमा रानी, दीनबंधु दलाई, भाष्कर झा एवं अनिल खींची ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।