कौन करना चाहता है अरुण सिंह कि हत्या

कौन करना चाहता है अरुण सिंह कि हत्या

गाजीपुर। एक व्यक्ति जो पूरे  6 साल तक जेल में रहा कसूर क्या था किसी को पता नहीं कहने को तो लोग कहते हैं एक फर्जी मुकदमे में नेताजी को फंसा दिया गया जी हां जनपद में नेता जी के नाम से प्रसिद्ध अरुण सिंह ने आज कान्‍हा हवेली में आयोजित पत्रकार वार्ता में अपने बीते हुए कल और भविष्‍य को लेकर बेबाक बयान दिया। जिसमे नेता अरुण सिंह ने कहा कि मैं 1984 में स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय गोराबाजार का छात्र संघ का अध्‍यक्ष चुना गया। इस पद पर मैं दो बार कार्य किया हूं। तबसे लेकर आज तक जिले के दलितों, मजलूमों, असहायों और बेसहारों को न्‍याय दिलाने के लिए हमेशा संघर्ष किया जिसके चलते शासन-प्रशासन और तत्‍कालीन माफियाओं की निगाहें हमेशा हमारे पर लगी रहीं। माफिया हमेशा से मेरी हत्‍या कराना चाहते थे और आज भी जिस आंदोलन को लेकर मैं संघर्षशील हूं उसके चलते एक गैंगेस्‍टर माफिया मेरी हत्‍या कराना चाहता है क्‍योंकि मैं उसके भ्रष्‍टाचार का पोल खोल रहा हूं। 80 के दशकों में चार बीघा खेत को लेकर जनपद में बहुत बड़ा महाभारत हुआ। लंबे समय चले गैंगवार में सैकड़ों हत्‍याएं हुई हजारो घर बर्बाद हो गये। उस लड़ाई में भी मैं एक पक्ष के लिए न्‍याय दिलाने के लिए लड़ता रहा। तबसे लेकर आज तक मैं न्‍याय की लड़ाई लड़ रहा हूं। आज की राजनीति में लाभ प्रभाव देखने को मिल रहा है लेकिन अरुण सिंह ने बताया कि 2015 मे अपराध अपने चरम सीमा पर था। अपराधी खुलेआम हत्‍या व लूट की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। एक वक्त था जब जनपद में विधायक की हत्या की गई थी अपराधी सरेआम घूमते थे लेकिन ना मैं हारा ना मेरा जज्बा  अपराधियों के खिलाफ हमने शासन-प्रशासन के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया। 15 मार्च को महुआबाग स्थित यूके बैंक के गेट पर लुटेरों ने मनोज सिंह की गोली मारकर हत्‍या कर करीब 30 लाख रुपये लूट लिये जिससे पूरा जिला भयभीत हो गया। इस घटना के बाद हमने सर्वदलीय संघर्ष समिति का गठन कर 29 अप्रैल 2015 को पूरे जनपद में चक्‍काजाम कर धरना-प्रदर्शन किया। पुलिस ने नंदगंज के एक अपराधी को पकड़ा। पूछताछ के बाद दो मुख्‍य अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके कुछ दिन बाद कुख्‍यात अपराधियों ने पुलिस हिरासत में जा रहे दोनों मुख्‍य अपराधियों को असलहे के बल पर छुड़ा लिया इसके बाद लूट, हत्‍या की बाढ़ आ गयी। उस घटना का विरोध करने में किसी भी पक्ष-विपक्ष के नेताओं की हिम्‍मत नही थी। हमने इसके विरोध में धरना-प्रदर्शन किया। कुछ दिनों बाद मनोज सिंह हत्‍याकांड के मुख्‍य आरोपी की हत्‍या हो गयी। इस हत्‍याकांड में तत्‍कालीन मंत्री ने हमें फंसवा दिया जिसके चलते मैं करीब सात वर्ष जेल में रहा। अरुण सिंह ने बताया कि दुर्भाग्‍य की बात है कि पुलिस के सहयोग के लिए हमने लड़ाई लड़ी और पुलिस ने ही हमें फर्जी फंसा दिया। वर्तमान समय में करंडा ब्‍लाक में फरार गैंगेस्‍टर ब्‍लाक प्रमुख ने दबंगई के बल पर 40 लाख का फर्जी पेमेंट करा लिया है। जिसके शिकायत हमने डीएम से किया है। उन्‍होने कहा कि हम गीता के उपदेश के प्रेरित हो कर जनसेवा कर रहे हैं कि पापियों का नाश करने में कोई पाप नही होता। जनपद में कोई कल-कारखाना नही है। बहादुरगंज व नंदगंज का कारखाना बंद हो गया है। बेरोजगारों की फौज बढ़ी है। शिक्षा के मामले में जिला बहुत पीछे चला गया है। भ्रष्‍टाचार चरम पर है। थाने से लेकर तहसील तक खुलेआम भ्रष्‍टाचार हो रहा है। जहां छह साल बीत गये हैं चकबंदी के वहां पर किसानों को यूनिक कोड नही मिला है जिसके चलते उन्‍हे भारी परेशनी का सामना करना पड़ रहा है। जिले के ज्‍वलन समस्‍याओं को लेकर 21 दिसंबर को सर्वदलीय संघर्ष समिति की बैठक होगी। उन्‍होने बताया कि संघर्ष समिति कोई राजनीतिक दल नही है। इसके सदस्‍य अपने विवेक पर किसी का भी समर्थन कर सकते हैं। मैं चरित्रवान और विकास करने वाले प्रत्‍याशी को ही प्राथमिकता दूंगा। डीएम-एसपी अच्‍छा कार्य कर रहे हैं। सीएम योगी ईमानदार हैं। लेकिन अधिकारी कर्मचारी भ्रष्‍ट हैं। भ्रष्‍टाचार को लेकर मैं सीएम योगी से मिलूंगा।