वैदिक सनातनी ज्योतिष महामंथन : विद्वान की खोज में ज्योतिषरत्न गुरुजी गौतम ऋषि जी का आशीर्वचन

वैदिक सनातनी ज्योतिष महामंथन : विद्वान की खोज में ज्योतिषरत्न गुरुजी गौतम ऋषि जी का आशीर्वचन

नई दिल्ली, पिरागढ़ी: राजधानी दिल्ली के पिरागढ़ी में वैदिक सनातनी ज्योतिष महामंथन कार्यक्रम का भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ। यह दिव्य आयोजन "विद्वान की खोज" के तत्वावधान में हुआ, जिसका संचालन लाल किताब के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य एवं विद्वान  गुरुदेव जी डी वशिष्ठ जी ने विशेष कुशलता से किया।

इस अवसर पर ज्योतिष जगत के सुप्रसिद्ध विद्वान, ज्योतिष रत्न एवं ज्योतिष शिरोमणि गुरुजी गौतम ऋषि जी विशेष अतिथि के रूप में पधारे। गुरुजी ने अपने आशीर्वचन एवं विचार प्रस्तुत करते हुए कहा –
"ज्योतिष केवल भविष्य का दर्पण नहीं, अपितु यह जीवन के सत्कर्मों का मार्गदर्शन करने वाली सनातन विद्या है। वैदिक ज्योतिष का संरक्षण और प्रचार ही भारतीय संस्कृति की रक्षा का आधार है।"

कार्यक्रम में विभिन्न विद्वानों ने लाल किताब एवं वैदिक ज्योतिष के गूढ़ रहस्यों पर अपने विचार व्यक्त किए। अनेक श्रोताओं ने प्रश्नोत्तर सत्र के माध्यम से लाभ प्राप्त किया।

इस महामंथन के सफल आयोजन हेतु "विद्वान की खोज" संस्था, इसकी कार्यकारिणी एवं विशेष रूप से पं. हिरेन्द्र शुक्ला जी तथा पं. राज शर्मा जी का योगदान सराहनीय रहा। उपस्थित सभी श्रेष्ठ विद्वानों, ज्योतिषाचार्यों, शोधकर्ताओं एवं आगंतुक श्रेष्ठ जनों ने एक स्वर से इस आयोजन को अद्वितीय एवं प्रेरणादायी बताया।

गौतम ऋषि जी ने सभी को आशीर्वचन देते हुए कहा –
"ज्योतिष जगत को संगठित होकर समाज की दिशा और दशा बदलनी होगी। लाल किताब, वैदिक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण को जोड़कर ही युवा पीढ़ी को सशक्त बनाया जा सकता है।"

अंत में आयोजकों ने सभी आगंतुकों का आभार प्रकट करते हुए भविष्य में भी ऐसे ही विद्वत सम्मेलनों के आयोजन का संकल्प लिया।