ऊँची जीएसटी दर पर रोक ज़रूरी: IAAPI ने माँगी अम्यूज़मेंट सेक्टर के लिए 18% से घटाकर 5% की दर

ऊँची जीएसटी दर पर रोक ज़रूरी: IAAPI ने माँगी अम्यूज़मेंट सेक्टर के लिए 18% से घटाकर 5% की दर

दिल्ली। इंडियन एसोसिएशन ऑफ एम्यूज़मेंट पार्क्स एंड इंडस्ट्रीज़ (IAAPI), जो देशभर के एम्यूज़मेंट पार्क, वॉटर पार्क, थीम पार्क, स्नो पार्क, ट्रैम्पोलिन पार्क और एडवेंचर पार्क का प्रतिनिधित्व करता है, ने भारत सरकार से अपील की है कि एम्यूज़मेंट सेक्टर पर जीएसटी को 18% से घटाकर 5% किया जाए।

IAAPI का कहना है कि टैक्स दर घटाना बेहद ज़रूरी है, ताकि इस उद्योग में भारी निवेश आकर्षित हो और विकास की रफ़्तार तेज़ हो। आज एम्यूज़मेंट सेक्टर पर 18% जीएसटी लगाया जाता है, जबकि चिड़ियाघर, संग्रहालय, राष्ट्रीय उद्यान, युद्ध स्मारक और मेले पर 0% जीएसटी है। यह गहरी असमानता है, जबकि एम्यूज़मेंट सेक्टर भी देश की सामाजिक अवसंरचना और पर्यटन का उतना ही अहम हिस्सा है।

वैश्विक तुलना:
दुनिया के कई देशों ने पर्यटन और मनोरंजन को बढ़ावा देने के लिए टैक्स कम रखा है — यूएई (5%), बहरीन (5%), कनाडा (5%), जापान (5%), मलेशिया (6%), सिंगापुर (7%)। इसके मुक़ाबले भारत की 18% दर सबसे अधिक है, जिससे निवेश की गति धीमी पड़ती है।

बच्चों और परिवारों पर असर:
एम्यूज़मेंट उद्योग के लगभग 70% विज़िटर स्कूल जाने वाले बच्चे होते हैं। पढ़ाई का दबाव और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के बीच पार्क और आकर्षण बच्चों के लिए केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य का सहारा हैं। यहाँ उन्हें सुरक्षित वातावरण में खुशी, हँसी और परिवार के साथ जुड़ाव का अनुभव मिलता है। भारत आज विश्व हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025 में 147 देशों में 118वें स्थान पर है। IAAPI का मानना है कि एम्यूज़मेंट तक सस्ती पहुँच इस रैंकिंग को बेहतर बनाने का ठोस कदम होगा।

रोज़गार और पर्यटन:
यह उद्योग लाखों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार देता है — राइड ऑपरेटर, टेक्नीशियन, फ़ूड कोर्ट, मर्चेंडाइज़, इवेंट और सुरक्षा सेवाओं तक। टैक्स दर घटाने से न केवल फ़ुटफ़ॉल बढ़ेगा बल्कि सरकार की कुल आमदनी भी बढ़ेगी, क्योंकि अधिक लोग आएँगे और अन्य सेवाओं का उपयोग करेंगे।

एम्यूज़मेंट सेक्टर पर्यटन का भी अहम इंजन है। हर पार्क विज़िट होटल, रेस्टोरेंट, ट्रांसपोर्ट और लोकल मार्केट को बल देता है। जीएसटी को 5% करने से यह उद्योग पर्यटन आधारित विकास का आधारस्तंभ बन सकता है।

IAAPI का अनुमान है कि यदि जीएसटी 5% कर दिया जाए, तो यह उद्योग 20% सीएजीआर की रफ़्तार से बढ़ते हुए 2030 तक ₹30,000 करोड़ का हो सकता है — जो पिछली भविष्यवाणी ₹23,000 करोड़ से कहीं अधिक है।

IAAPI के चेयरमैन अंकुर महेश्वरी ने कहा कि "एम्यूज़मेंट कोई विलासिता नहीं है, यह बच्चों और परिवारों के जीवन का हिस्सा है। जीएसटी को 5% करने से खुशियाँ सस्ती होंगी, भारी निवेश आएगा और भारत का एम्यूज़मेंट सेक्टर वैश्विक पर्यटन की ताक़त बन सकेगा।"
IAAPI सरकार से त्वरित और दूरदर्शी क़दम उठाने की अपील करता है — ताकि रोज़गार मज़बूत हो, पर्यटन को गति मिले और बच्चों व परिवारों को सस्ती खुशियाँ मिल सकें।