अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष-वास्तु महासम्मेलन में ज्योतिष रत्न गुरुजी गौतम ऋषि को विशिष्ट अतिथि एवं वक्ता के रूप में मिला गौरवपूर्ण सम्मान

अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष-वास्तु महासम्मेलन में ज्योतिष रत्न गुरुजी गौतम ऋषि को विशिष्ट अतिथि एवं वक्ता के रूप में मिला गौरवपूर्ण सम्मान

वाराणसी, उत्तर प्रदेश। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्कृतविद्या धर्मविज्ञान संकाय, ज्योतिष विभाग में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष एवं वास्तु महासम्मेलन में देश-विदेश के सैकड़ों ज्योतिषाचार्य, शोधार्थी और विश्वविद्यालय के छात्र शामिल हुए। इस अवसर पर ज्योतिष रत्न गुरुजी गौतम ऋषि को विशिष्ट अतिथि एवं वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया।

कार्यक्रम में गुरुजी गौतम ऋषि ने हस्तरेखा, वास्तु एवं वेदांग ज्योतिष विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। उनकी विद्वतापूर्ण प्रस्तुति को उपस्थित आचार्यों और विद्वानों ने अत्यंत सराहा।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ज्योतिष विभाग का गौरवशाली इतिहास

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का संस्कृतविद्या धर्मविज्ञान संकाय, ज्योतिष विभाग 1918 में स्थापित हुआ था और यह भारत ही नहीं, विश्वभर में वैदिक अध्ययन एवं ज्योतिष विज्ञान के प्रामाणिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। यह विभाग वेद, वेदांग, गणित, खगोल और नक्षत्र शास्त्र में अनुसंधान के लिए अग्रणी है। इस विभाग से सम्मान प्राप्त करना किसी भी विद्वान के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण उपलब्धि है।

गुरुजी गौतम ऋषि को “भारतीय वास्तु विद्या का वैज्ञानिक परिसीलन एवं भारतीय ज्योतिष शास्त्र का आधुनिक संदर्भ में अनुप्रयोग” विषय पर उत्कृष्ट शोध और प्रस्तुति के लिए विश्वविद्यालय की प्रतीक शील्ड एवं सम्मान प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।

गुरुजी गौतम ऋषि का वक्तव्य

“काशी हिन्दू विश्वविद्यालय जैसे पवित्र और विद्यानिकेतन स्थल से सम्मानित होना मेरे लिए व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, वेदांग ज्योतिष और वास्तु विद्या के पुनर्जागरण का प्रतीक है। काशी के इस पावन मंच से जो वैदिक ज्योति प्रसारित हुई है, वह आने वाली पीढ़ियों को दिशा देगी।”

गुरुजी गौतम ऋषि के बारे में

ज्योतिष रत्न गुरुजी गौतम ऋषि जी विगत दो दशकों से वैदिक ज्योतिष, वास्तु विज्ञान, हस्तरेखा और जीवन मार्गदर्शन के क्षेत्र में अनुसंधानरत हैं। उन्होंने गौतम ऋषि वेद विज्ञान संस्थान के माध्यम से हजारों विद्यार्थियों, परामर्शदाताओं और और शोधकर्ताओं को वैदिक विज्ञान से जोड़ा है। उनके द्वारा किए गए कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों ने भारतीय ज्योतिष को नई ऊँचाइयाँ प्रदान की हैं।  कार्यक्रम का संचालन पंडित हितेंद्र शुक्ला जी ने किया।

मुख्य अतिथियों में फ्यूचर पॉइंट के संस्थापक अध्यक्ष अरुण बंसल एवं श्रीमती आभा बंसल, डॉ. गुरवेज सिंह ढिल्लों (सिरसा), डॉ. इंद्रजीत कौर (चंडीगढ़), मुंबई के प्रसिद्ध लाल धागे वाले ज्योतिष आचार्य, काशी विश्वविद्यालय के आचार्य सुशील कुमार गुप्ता जी, ज्योतिषाचार्य सोनाली रक्षित (BHU), गीतिका सूद (दिल्ली), मानसी विरमानी (दिल्ली), पूजा शर्मा (देहरादून), सुरुचि शर्मा (कैथल), ग्रीस व्यास (इंदौर) तथा पंडित सुबोध पाठक (गया) शामिल रहे।