600 साल पुराने पोखरे पर हुआ छठ पूजा, प्रशासन की आज तक नहीं पङी नजर

600 साल पुराने पोखरे पर हुआ छठ पूजा, प्रशासन की आज तक नहीं पङी नजर

गाजीपुर भांवरकोल ब्लॉक में ज्ञानपुर ग्रामसभा में एक छोटा सा गांव है मुशर्देवा। आस्‍था और विश्‍वास के महापर्व छठ का आज तीसरा दिन था यहां पर लगभग हजारों लोगों ने बड़े धूमधाम से इस पर्व को मनाया । यूपी के पूर्वी भाग में छठ महापर्व धूमधाम

और उल्‍लास के साथ मनाया जाता है। छठ पूजा में सूर्यदेव और छठी मैया की उपासना का खास महत्व माना जाता है। छठ पूजा में के तीसरे दिन अस्‍ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाता है,लोक आस्था का महापर्व छठ जहाँ अस्ताचलगामी सूर्य की भी उपासना की जाती है जिसका बहुत महत्व है और कल उगते हुए सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाएगा। 200 से ज्यादा व्रती जल में खड़े रहकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्‍य दिया। बता दें कि यहां पर हर वर्ष लोग अपने आस्था को सेलिब्रेट करते हैं 1000 की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। उपस्थिति मुख्य आयोजन कार्यकर्ता धमेंद्र पांडेय ने बताया कि यहां पर हर वर्ष श्रद्धालु लोग के लिए विशेष साफ सफाई व्यवस्था और उनके लिए उत्तम प्रबंध करते हैं। वहा पर उपस्थित कुछ ग्रामीण लोगो ने उनके बेवस्था और कार्य को लेकर काफी प्रसंशा भी किया की स्वयं से लगकर और इस कार्यक्रम की तयारी 1महिना पूर्व से करते हैं। उपस्थित ग्रामीण लोग मुना मिश्र, बशीठ तिवारी, सचिता जी . मुना यादव ने भी लगभग 50 बरसो से लोग यहां पर इस त्योहार को सेलिब्रेट करते हैं। जिस पोखरा में इस पर्व को मनाया जाता है वह 600 साल पुराना पोखरा है और इसको जीर्णोधार को लेकर भी लोगो ने सवाल उठाया कि कोई भी गवर्मेंट इस पर विचार नहीं किया आज तक।