केंद्र सरकार और राज्य सरकार को महंगाई को रोकने पर ध्यान देना चाहिए

केंद्र सरकार और राज्य सरकार को महंगाई को रोकने पर ध्यान देना चाहिए

नोएडा। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल, नोएडा इकाई की एक अहम बैठक में देश में डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दाम बढ़ते जाने पर चिंता व्यक्त की गई और कहा गया कि लगातार बढ़ती महंगाई से आम जनता परेशान हैं। ऐसे में केंद्र सरकार और राज्य सरकार को महंगाई को रोकने पर ध्यान देना चाहिए।

बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारी  टैरिफ लगाने पर व्यापार पर क्या असर पड़ेगा, इसपर भी गहन मंथन किया गया।
हरौला सेक्टर 5 में बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रतिनिधि मंडल के चेयरमैन नरेश कुच्छल ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा चीन पर भारी भरकम टैरिफ लगाया है. जिसके कारण भारत के व्यापारियों के बीच घरेलू बाजार में चीन के सामान की डंपिंग की चिंता बढ़ गई है। इस संभावित खतरे से निपटने के लिए  भारत सरकार ठोस कदम उठाए।
उन्होंने बताया कि अमेरिकी टैरिफ हलचल के बीच पिछले दो सप्ताह में ही चीन से होने वाले आयात की संख्या में वृद्धि हो गई है. जिसके कारण भारत के कई क्षेत्रों में असमानता की स्थिति आने लगी है। उन्होंने कहा कि भारी टैरिफ के बाद चीन का अमेरिका में निर्यात बहुत महंगा हो गया है।

अमेरिकी सरकार ने चीन पर कुल 145 परसेंट का टैरिफ लगाया जिसमें 20% टैरिफ़ फेंटेनाइल से जुड़ा है। अब चीन अपने उत्पादों के लिए वैकल्पिक बाजार की तलाश में है। भारत में विशाल उपभोक्ताओं की मांग है जिसके कारण चीन यहां पर सस्ते सामान बेचने की नीति अपना सकता है, क्योंकि अमेरिकी बाजार में चीन के प्रोडक्ट्स की डिमांड कम होगी तो वह भारत जैसे अन्य देशों में उन सामानों को कम दर पर बेचेगा। उन्होंने बताया कि चीन स्टील, सोलर सेल, मोबाइल कंपोनेंट जैसे क्षेत्रों में अपना दबदबा कायम रखना चाहता है, ऐसे में भारत उसे बड़ा बाजार दिख रहा है।

बैठक को संबोधित करते हुए अध्यक्ष राम अवतार सिंह व वरिष्ठ महामंत्री मनोज भाटी ने कहा कि वैश्विक खपत में भारत की बढ़ती हिस्सेदारी और मध्यम वर्ग की डिमांड चीन को भारत में अपना कारोबार फैलाने के लिए आकर्षित कर सकती है। साथ ही

चीन के द्वारा कई सामान पहले से ही भारत में सस्ते दाम पर मुहैया कराए जा रहे हैं,जिसका असर भारतीय उद्योगों व व्यापार पर हो रहा है, जिस कारण कई छोटे उद्योग बंद भी हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि चीन इलेक्ट्रॉनिक्स में स्मार्टफोन, लैपटॉप, और अन्य गैजेट्स आदि का  पहले से भारत में बड़ा आपूर्तिकर्ता है।

चाइना के द्वारा सस्ते दाम पर सामान भारत के बाजारों में बेचने से स्थानीय निर्माता उतनी कम क़ीमतों पर सप्लाई नहीं कर पाते. जिसके कारण मज़बूरी में उन्हें अपने कदम पीछे खींचने पड़ते हैं। ऐसे में कई स्थानीय निर्माता अपना काम बंद कर चुके हैं।
बैठक में चैयरमैन नरेश कुच्छल, अध्यक्ष राम अवतार सिंह, वरिष्ठ महामंत्री मनोज भाटी व दिनेश महावर, सत्यनारायण गोयल, संदीप चौहान, मूलचंद गुप्ता, पीयूष वालिया, विपिन अग्रवाल, राधेश्याम गोयल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।