शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने आयोजित किया ज्ञानोत्सव 2079

"भारतीय शिक्षा पद्धति के मूल विचारक तथा सभी के श्रद्धा के केंद्र डॉ अतुल कोठारी, डॉ.पंकज मित्तल, गणमान्य शिक्षाविदों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा आयोजित ज्ञानोत्सव 2079 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करने का सौभाग्य मिला। मैं शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास का आभार प्रकट करता हूँ। ज्ञानोत्सव के माध्यम से उन्होंने एक सामाजिक संगठन के तौर पर शिक्षा विभाग के काम को ही आगे बढ़ाने में योगदान दिया है यह कहना है धर्मेंद्र प्रधान का।
उन्होंने कहा कि ज्ञानोत्सव का जो स्वरूप आज देखने को मिला है, उससे हम सब का आत्मविश्वास बढ़ा है। न्यास के ज्ञानोत्सव मॉडल और एकल प्रयोगों को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने और इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क में लाने के लिए मैं प्रतिबद्ध हूँ। शिक्षा के सबसे प्रारंभिक चरण बालवाटिका के पाठ्यक्रम की रूप रेखा का शुभारंभ हमने कर लिया है। ऐसे समय में हम सब की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
NEP का सफल क्रियान्वयन हम सब की ज़िम्मेदारी है।
हमारी समृद्ध शिक्षा परंपरा में स्वामी विवेकानंद, योगी औरोबिंदो, रबिंद्रनाथ ठाकुर, महात्मा गांधी, मदन मोहन मालवीय, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, गोपबंधु दास जैसे महापुरुषों ने इंस्टीट्यूशनल मकैनिसम खड़ा करने का काम किया।
आज आवश्यकता है भारतीय भाषाओं के आधार पर शिक्षा को बढ़ावा देने का।
गृह मंत्री अमित शाह एवं महामहिम राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया। गृह मंत्री ने मध्यप्रदेश में हिंदी भाषा में मेडिकल शिक्षा और राष्ट्रपति ने ओड़िशा में ओडिया भाषा में इंजीनियरिंग का शुभारंभ किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत की हर भाषा राष्ट्रीय भाषा है।
न्यू एजुकेशन पॉलिसी (NEP) में स्कूली शिक्षा के अंतर्गत प्रारम्भिक 3-8 वर्ष के बच्चों के लिए मातृभाषा में पढ़ने का प्रावधान किया गया है। स्थानीय भाषा में पढ़ाई भारतीय शिक्षा पद्धति का applied aspect है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अगर हमें जन-जन तक पहुँचाना है तो हमें glossary बनाना पड़ेगा। इससे NEP के सभी आयाम सहज रूप में लोगों तक पहुँच सकेगा।
न्यास जैसे सामाजिक संगठन और समाज glossary बनाने का दायित्व लेगा, ऐसी मेरी अपेक्षा है।
टेक्नॉलजी के माध्यम से हम NEP के कण कण को, बेस्ट प्रैक्टिस को देश के घर-घर तक पहुँचा सकते हैं।
शिक्षा समाज का दायित्व है। टेक्नॉलजी के माध्यम से हम गरीब से गरीब के घर में शिक्षा पहुँचाएँगे तो हर घर से अब्दुल कलाम और नरेंद्र मोदी जैसे लोग निकलेंगे। आने वाले 25 साल देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम दुनिया की ज़िम्मेदारी लेने वाले लोग हैं।
भारत संपन्न होगा तो विश्व भी संपन्न होगा। विश्व का कल्याण करने वाला मानव बल भारत के पास है। NEP के कुशल और सफल क्रियान्वयन से हम अपनी वैश्विक जिम्मेदारी पूरा करेंगे।