क्या बाहूबली के चक्कर मे अपनो से दुर हो रही सुभासपा

क्या बाहूबली के चक्कर मे अपनो से दुर हो रही सुभासपा

लखनऊ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भले ही अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं लेकिन अब उनके लिए उल्टी गिनती शुरू होते हुए दिखाई दे रहे हैं।

 जहां उनके रिश्तेदार और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर के साथ दर्जनभर कार्यकर्ताओं का ओमप्रकाश राजभर से मोह भंग होना अब यही दर्शाता है ओमप्रकाश राजभर की उल्टी गिनती शुरू हो गई है ।

जब सारथी रहेंगे ही नहीं तो पार्टी के पहिए को किसके सहारे चलाएंगे ओमप्रकाश राजभर, 

महेंद्र राजभर ने मुख्तार अंसारी को लेकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अध्यक्ष पर आरोप लगाकर पार्टी छोड़ना अपना कारण बता रहे हैं महेंद्र राजभर ने कहा कि बाहुबली के खिलाफ मऊ सदर सीट से चुनाव लड़ने के लिए गाजीपुर के जहुराबाद विधायक ओमप्रकाश राजभर ने अपनों से भी बढ़कर आगे फैसला लिया था उन्होंने एक सामान्य कार्यकर्ता महेंद्र राजभर को विधानसभा चुनाव में न सिर्फ टिकट दिया था बल्कि पूरा चुनाव का प्रबंधन संभाला था यह और बात है कि उस चुनाव में मुख्तार अंसारी से हार गए थे वर्ष 2017 में भाजपा 

 सुभासपा गठबंधन से मऊ सदर सीट से मुख्तार अंसारी के खिलाफ एक सामान्य कार्यकर्ता महेंद्र राजभर को मैदान में उतारा था तब तो भाजपा अध्यक्ष सीट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रभावशाली लोगों को टिकट देने से न सिर्फ मना कर दिया था बल्कि खुद के खर्चे से महेंद्र को चुनाव लड़ाया था गाड़ी से लेकर प्रचार तक पूरे चुनाव का प्रबंधन भी खुद ही संभाला था उस समय तमाम लोग को भाजपा भासपा गठबंधन से चुनाव लड़ने के दावेदार में थे हालांकि चुनाव में उन्हें करीब 6000 वोटों से मुख्तार अंसारी से हार का मुंह देखना पड़ा था महेंद्र राजभर को चुनाव लड़ाने से उनके अपने भी नाराज हो गए थे महेंद्र राजभर रतनपुरा मऊ के रहने वाले हैं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुख्य प्रवक्ता अरुण राजभर का कहना है कि महेंद्र राजभर को गांव से उठाकर सुभासपा ने पहचान दिलाई टिकट देकर चुनाव लड़ाया हमने कार्यकर्ता का सम्मान किया उस चुनाव में प्रचार करने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए थे।