रॉकेट की गति से बढ़ रहे महाकुंभ हवाई किरायों पर लगे विराम : विनोद बंसल

प्रयागराज की पावन धरा पर हो रहे महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा, सुरक्षा और सुविधाओं का राज्य सरकार तो पूरा ध्यान रख ही रही है, अनेक धार्मिक, सामाजिक व सेवाभावी संगठन व लोग भी निस्वार्थ भाव से सेवा में जुटे हैं।
किंतु वहीं, कुछ विमानन कंपनियां यात्रियों के बढ़ती संख्या का अनुचित लाभ लेते हुए हवाई किराए में बेतहाशा वृद्धि कर अनाप-शनाप किराया वसूल कर रही हैं। जो सर्वथा अनुचित और अनैतिक है। यह अवसर आतिथ्य सेवा, समर्पण और श्रद्धा भाव से सत्कार का है ना कि अनुचित किराया वसूली का।
एक ओर जहां भारतीय रेल ने तीर्थराज आने तथा वहां से लौटने वाले यात्रियों के लिए अपनी सेवाओं का विस्तार किया है तो वहीं अपने किरायों को भी सीमित रखा है। किंतु, विमान कंपनियों ने अपने सामान्य श्रेणी के किराए को भी 200% से 700% तक बढ़ा दिया है जिसके कारण कुंभ में आने और वहां से जाने वाले श्रद्धालुओं को गंभीर असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि रेल टिकट मिल नहीं रही और आर्थिक तंगी के कारण अनायास बेतहाशा बढ़ीं हवाई टिकट लेने में असमर्थ हैं।
ऐसे में विमानन कंपनियों को अपने किराए को सीमित कर सेवाओं का विस्तार और यात्रियों की सुविधा पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
कुंभ में अभी मात्र एक माह का समय शेष है जो कि अनुचित पैसा कमाने का नहीं अपितु, अतिथि सेवा लाभ कमाने का समय है जिसका फल ये कंपनियां जीवन भर प्राप्त कर सकेंगी। इनके बीच प्रतिस्पर्धा किराया बढ़ाने की नहीं अपितु हवाई किराए को घटाने व सेवाओं के विस्तार की होनी चाहिए।
यदि विमानन कंपनियां कुंभ में जाने और वहां से लौटने वाले यात्रियों की टिकट की राशि में सुचिता नहीं बरततीं, तो नागरिक उड्डयन मंत्रालय तथा अन्य संबंधित विभागों को इस बारे में त्वरित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। हमें आशा है कि संबंधित सभी विभाग व कंपनियां इस पर गंभीरता से विचार कर किराया वसूली के इस अनुचित व अनैतिक कार्य को अविलंब रोकेंगे।