संस्था का लक्ष्य 10 हजार परिवारों में रामचरितमानस का पठन-पाठन 31 दिसंबर 2022 तक कराना है

संस्था का लक्ष्य 10 हजार परिवारों में रामचरितमानस का पठन-पाठन 31 दिसंबर 2022 तक कराना है

संस्कृति संज्ञान संस्था भारतीय समाज में सनातन संस्कृति और धर्म को पुनर्प्रतिष्ठित करने हेतु प्रयासरत है। इसके लिए यह आवश्यक है कि भारतवर्ष के लाखों छोटे-छोटे मंदिर के पुजारियों की आर्थिक, धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक स्थिति में आवश्यक सुधार किया जाए, जिससे कि वे अपने श्रद्धालुओं को भारतीय सनातन संस्कृति के धर्म ग्रंथ जैसे रामचरितमानस इत्यादि  का पठन-पाठन करने के लिए  प्रोत्साहित कर सकें। इससे न केवल समाज में भारतीय संस्कृति और धर्म में लोगों की आस्था बढ़ेगी वरन पुजारियों में भी उनकी आस्था बढ़ेगी। इससे देश का समुचित विकास होगा और भारत विश्व गुरु बनेगा।

संस्कृत संज्ञान संस्था से 4000 से ज्यादा पुजारी जुड़े हुए हैं। संस्था के प्रयासों से 1000 से ज्यादा परिवारों ने रामचरितमानस का नित्य पाठ शुरू कर दिया है। संस्था का लक्ष्य 10 हजार परिवारों में रामचरितमानस का पठन-पाठन 31 दिसंबर 2022 तक कराना है।

सांसद ने संस्कृति संज्ञान के कार्यों की सराहना की और भविष्य में किसी भी तरह का सहयोग करने का आश्वासन दिया। संस्कृति संज्ञान के सभी सदस्यों का उन को सादर धन्यवाद।