भारत में करोड़ों समस्याएं, लेकिन अरबों समाधान भी: कैलाश सत्यार्थी

भारत में करोड़ों समस्याएं, लेकिन अरबों समाधान भी: कैलाश सत्यार्थी

अभाविप के 67 वे राष्ट्रीय अधिवेशन का जबलपुर में शुभारम्भ

जबलपुर। मध्य प्रदेश। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् का 67 वा राष्ट्रीय अधिवेशन जबलपुर में प्रारम्भ हुआ। अधिवेशन के उद्घाटन एवं प्रा यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार के वितरण में नोबल शांति पुरस्कार प्राप्तकर्ता श्री कैलाश सत्यार्थी, प्रा यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार 2021 विजेता कार्तिकेयन गणेशन, अभाविप राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रा छग्गनभाई पटेल एवं राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी उपस्थित रहे, क्षेत्रीय संगठन मंत्री नीरव गिलानी, अधिवेशन स्वागत समिति अध्यक्ष श्री जीतेन्द्र कुमार जामदार, स्वागत समिति सचिव श्री संदीप जैन, महाकौशल अभाविप प्रान्त अध्यक्ष संदीप खरे, एवं प्रदेश मंत्री सुमन यादव उपस्थित रहे।

अभाविप के अधिवेशन में देश भर के 700+ प्रतिनिधि प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित रहे एवं हज़ारों प्रतिनिधि देश भर के 2704 स्थानों पे आभासीय माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े। 3 दिन चलने वाले अधिवेशन में कश्मीर से कन्याकुमारी एवं अटक से कटक तक सभी क्षेत्रों से प्रतिनिधि सम्मिलित है। इस अधिवेशन में शिक्षा, वर्तमान परिदृश्य, खेलों आदि पर प्रस्ताव पारित होंगे एवं वर्ष भर के लिए मंथन होगा। अभाविप की वर्ष भर की कार्यकारिणी भी अधिवेशन में घोषित होगी।

अभाविप के अधिवेशन से पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद् की बैठक भी संपन्न हुई जिसमें जनजाति गौरव दिवस मनाये जाने को लेकर केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया है।

इस अवसर पर अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी ने कहा की “कोरोना की विपरीत परिस्तिथियों के बाद भी अभाविप अपने कार्य में नवाचार किया। आज स्कूली शिक्षा से लेकर विदेशों में पढ़ने वाले भारतियों तक विद्यार्थी अभाविप में काम कर रहे है। जिन भी युवाओं के पास आईडिया हैं हम उन्हें प्लात्फ्रोम देने का काम करेंगे ।“

यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार विजेता कार्तिकेयन गणेशन ने कहा " मै अभिभूत हूँ और मेरे पास शब्द नहीं हैं कि ये पुरस्कार मुझे क्यों दिया गया। मैं जहां से आता हूँ वहां कोई सुविधाएं नहीं हैं पर अभाविप मुझे ढूंढने में सफल हुआ। मै 15 वर्षों तक अनाथालय में रहा और अब उसी अनाथालय का निदेशक हूँ। मेरे जीवन का उद्देशय दिव्यांगजन के लिए काम करने का है और यह पुरस्कार मुझे अपने कार्य को और बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगा। मुझे समझ आया है कि जब तक आप खुद को साबित नहीं कर लेंगे तब तक आपके कार्यों की सराहना कोई और नहीं करेगा।"

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कैलाश सत्यार्थी ने कहा “भारत कभी बूढा नहीं होगा क्योंकि वह शाश्वत है । राष्ट्र का निर्माण युवाओं के सपनों से नहीं उनके इरादों से होता है। वसुधैव कुटुंबकम की परिकल्पना को साकार करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी सीमाएं अनंत हैं और पूरी दुनिया घोसले कि तरह निवास करते हैं । देश में समस्याएं बहुत हैं और समस्याओं का समाधान युवा हैं और मै अभाविप से आह्वाहन करता हूँ कि वे अपनी शक्ति को इस्तेमाल कर समस्याओं का समाधान करे।“