भारत उत्कर्ष महायज्ञ – तैयारियाँ पूर्ण, नोएडा में दिव्यता का महापर्व आरंभ होने को तैयार

भारत उत्कर्ष महायज्ञ – तैयारियाँ पूर्ण, नोएडा में दिव्यता का महापर्व आरंभ होने को तैयार

नोएडा, महर्षि नगर। महार्षि महेश योगी संस्थान द्वारा आयोजित 108 कुण्डीय “भारत उत्कर्ष महायज्ञ” की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। 16 नवम्बर से 25 नवम्बर 2025 तक महर्षि नगर, नोएडा स्थित महार्षि रामलीला मैदान में होने जा रहा यह भव्य आध्यात्मिक आयोजन अब अपने दिव्य प्रारंभ के लिए पूर्णत: तैयार है।

संस्थान के अध्यक्ष एवं कुलाधिपति अजय प्रकाश श्रीवास्तव जी ने बताया कि यज्ञ स्थल, 108 वेदिक कुण्ड, विशाल यज्ञशाला, सांस्कृतिक मंच, अन्नक्षेत्र, श्रद्धालु सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्थाओं का कार्य समय से पहले पूरा कर लिया गया है। हजारों श्रद्धालुओं के आगमन को ध्यान में रखते हुए पार्किंग, स्वास्थ्य सेवाएँ, आपातकालीन प्रबंधन तथा पंडाल निर्माण कार्य भी सुचारु रूप से समाप्त हो चुका है।

उन्होंने बताया कि यह महायज्ञ अनन्त श्री विभूषित स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती महाराज, जगद्गुरु शंकराचार्य, ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम के संरक्षण में सम्पन्न होगा। यज्ञ के साथ-साथ रोजाना श्रीराम कथा का दिव्य आयोजन स्वामी राघवाचार्य महाराज (श्रीराम लला सेवा सदन, अयोध्या) द्वारा किया जाएगा। साथ ही जगद्गुरु रामानंदाचार्य प्रेमेश्वर पीठाधीश्वर स्वामी सतीशाचार्य जी महाराज का भी पावन सानिध्य प्राप्त होगा।

तैयारियों की प्रमुख विशेषताएँ:

108 कुण्डीय यज्ञशाला पूर्ण, वेदिक आचार्यों की टीम तैनात

140 करोड़ आहुतियों हेतु समस्त सामग्री एवं वैदिक व्यवस्था तैयार

5 लाख+ श्रद्धालुओं के अनुमानित आगमन के लिए पर्याप्त प्रबंध

अन्नक्षेत्र में अखण्ड भण्डारा हेतु विशाल रसोई एवं भोजन व्यवस्था तैयार

सुरक्षा एवं ट्रैफिक प्रबंधन नोएडा प्रशासन के सहयोग से सुनिश्चित

सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा रामायण लेज़र शो के मंच की तैयारी पूरी

अजय प्रकाश श्रीवास्तव जी ने कहा कि “भारत उत्कर्ष महायज्ञ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की चेतना जागृत करने का एक राष्ट्रीय संकल्प है। तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं, और हम सभी श्रद्धालुओं को यजमान रूप में इस महायज्ञ से जुड़ने के लिए आमंत्रित करते हैं।”

महर्षि महेश योगी संस्थान ने समाज के हर वर्ग से अपील की है कि वे इस दिव्य आयोजन में सम्मिलित होकर भारत की शांति, समृद्धि और सांस्कृतिक उत्थान के इस महापर्व में योगदान दें।